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ट्रंप को लोवर हाउस ने 18 दिसंबर 2019 में इम्पीच कर दिया था, और फिर ट्रायल अपर हाउस यानी सीनेट में चला गया था. सीनेट में भी ट्रायल के बाद वोटिंग होती है कि दोषी करार दिया जाए या नहीं. अगर यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस के दो तिहाई वोट यानी 67 % हां कहते तो ट्रंप को फौरन राष्ट्रपति के पद से हटा दिया जाता, अगर 67 % से काम वोट आते, तो ट्रंप को अपना ऑफिस नहीं छोड़ना पड़ता, और ऐसा ही हुआ है.
ट्रंप के ऊपर लगे आरोपों पर अमेरिकी सीनेट में जब वोट पड़ा, तो ट्रंप के खिलाफ यानी महाभियोग के पक्ष में पड़ने वाले वोट्स कांग्रेस के दो तिहाई वोट्स से कम रहे. इसकी वजह ये है कि 100 सदस्यों वाली सीनेट में ट्रंप कि रिपब्लिकन पार्टी बहुमत में है. इसलिए महाभियोग के दोनों आर्टिकल्स यानी ट्रंप पर लगे दोनों आरोपों पर जब वोट हुआ, तो ट्रंप को बचाने के पक्ष में ज्यादा वोट पड़े और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने ट्रंप को बरी कर दिया.
आज बिग स्टोरी पॉडकास्ट में बताएंगे ट्रंप के खिलाफ महाभियोग कैसे चला, क्यों चला और अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से ये कैसे जुड़ा है.
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