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कोरोना के अंधेरे में करो उजाले, PM के संदेश से ये मतलब निकालें 

आज इस पॉडकास्ट में प्रधान मंत्री के भाषण का मतलब समझेंगे पोलिटिकल कमेंटेटर आरती जेरथ और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय से.

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
Updated:
आज इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री के भाषण का मतलब समझेंगे पॉलिटिकल कमेंटेटर आरती जेरथ और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय से.
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आज इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री के भाषण का मतलब समझेंगे पॉलिटिकल कमेंटेटर आरती जेरथ और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय से.
फोटो: क्विंट हिंदी 

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कोरोना की वजह ले लागू हुए लॉकडाउन के बाद से पीएम मोदी ने तीन भाषण दिए हैं और एक मन की बात भी की है जो कि कोरोना पर ही थी. सबसे पहले 19 मार्च को उन्होंने एलान किया कि पूरा देश मेडिकल वर्कर्स, और पुलिस वालों का आभार व्यक्त करेगा ताली और थाली बजा कर. ये कह कर उन्होंने 22 मार्च के दिन के लिए जनता कर्फ्यू का ऐलान कर दिया. फिर 24 मार्च को अपने संबोधन में तीन हफ्ते का लॉकडाउन घोषित कर दिया.

लॉकडाउन के दौरान 29 मार्च को उन्होंने रेडियो पर ‘मन की बात’ की और उसमें भी उन्होंने कड़े कदम उठाने के लिए लोगों से माफी मांगते हुए ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की अहमियत पर जोर दिया.

3 अप्रैल की सुबह देशवासियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वीडियो संदेश जारी किया. जिसमें उन्होंने 5 अप्रैल को सबसे अपने अपने घरों में रहकर बालकनी में जाकर रात 9 बजे से 9 मिनट तक मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाकर कोरोना से हुए अंधकार में उम्मीद की रोशनी का संकेत देने को कहा. इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री के भाषण का मतलब समझेंगे पॉलिटिकल कमेंटेटर आरती जेरथ और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय से.

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Published: 03 Apr 2020,09:39 PM IST

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