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Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Podcast Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महात्मा गांधी कुछ इस तरह गूंजते हैं उर्दू शायरी में

महात्मा गांधी कुछ इस तरह गूंजते हैं उर्दू शायरी में

सुनिये पंडित बृज नारायण चकबस्त की नज्म 'वतन का राग' और आनंद नारायण मुल्ला की कविता 'महात्मा गांधी का कत्ल'.

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
Published:
<div class="paragraphs"><p>सुनिये पंडित बृज नारायण चकबस्त और आनंद नारायण मुल्ला की नज्में.</p></div>
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सुनिये पंडित बृज नारायण चकबस्त और आनंद नारायण मुल्ला की नज्में.

(फोटो: क्विंट हिंदी/अरूप मिश्रा)

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गांधी कौन थें और उन्होंने किन मूल्यों का प्रतिनिधित्व किया? इस सवाल का जवाब आज उर्दूनामा में दो नज़्मों के जरिये समझेंगे.

उर्दू कवि पंडित बृज नारायण चकबस्त द्वारा 'वतन का राग' और आनंद नारायण मुल्ला की कविता 'महात्मा गांधी का कत्ल '. ये दो कविताएं उस समय के उर्दू कवियों पर गांधी के प्रभाव का सबसे अच्छा उदाहरण हैं.

इन नज्मों के माध्यम से, गांधी के कई फिलोसोफी के विषय उभर के आते हैं.

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