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Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Podcast Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रूस में भारत-चीन के बीच बातचीत के मायने, किसका पलड़ा भारी?

रूस में भारत-चीन के बीच बातचीत के मायने, किसका पलड़ा भारी?

मॉस्को में भारत-चीन के बीच हुए एग्रीमेंट में 5 पांइट्स हैं पर चीन की तरफ से पीछे हटने का आश्वासन अब भी नहीं.

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
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रूस और चीन के बीच सम्बन्ध ऐसे समझ लें जैसे कोई ‘मैरिज ऑफ़ कन्वीनिएंस’ हो.
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रूस और चीन के बीच सम्बन्ध ऐसे समझ लें जैसे कोई ‘मैरिज ऑफ़ कन्वीनिएंस’ हो.
फोटो: क्विंट हिंदी/श्रुति माथुर 

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रिपोर्ट: फ़बेहा सय्यद
गेस्ट: विष्णु प्रकाश, जियोपॉलिटिक्स एक्सपर्ट और पूर्व डिप्लोमेट
वॉइस ओवर: वैभव पालिनिटकर
असिस्टेंट एडिटर: मुकेश बौड़ाई
म्यूजिक: बिग बैंग फज

पिछले करीब चार महीने से भारत और चीन के बीच तनाव की खबरें हम सभी सुनते आ रहे हैं. चीन की तरफ से लगातार सीमा पर हो रही घुसपैठ का भारतीय जवान डटकर सामना कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच रूस में होने वाली एससीओ बैठक के दौरान पहले भारत चीन के रक्षामंत्रियों और उसके बाद विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई. रूस के मॉस्को में हुई इन मुलाकातों को लेकर अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या अब रूस दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने का काम कर रहा है? क्या वाकई रूस इस स्थिति में है कि वो दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्तों को सुधार सके? ये समझने के लिए एक लार्जर पिक्चर देखनी होगी, जिस में रूस, चीन और रूस और भारत के बीच के रिश्तों पर एक नजर डालनी जरूरी है.

मास्को में हुए 5-पॉइंट के जॉइंट सटटेमनेट का क्या मतलब है? इसे किस तरह समझ सकते हैं? और रूस के सम्बन्ध भारत, और चीन के साथ कैसे रहे हैं? इस के बारे में जानिए जियोपॉलिटिक्स एक्सपर्ट और पूर्व डिप्लोमेट, विष्णु प्रकाश से.

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