मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Podcast Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019घरेलू हिंसा: औरतों के लिए ‘स्टे होम स्टे सेफ’ कितना मुश्किल?

घरेलू हिंसा: औरतों के लिए ‘स्टे होम स्टे सेफ’ कितना मुश्किल?

लॉकडाउन में अब्यूसिव पार्टनर्स के साथ क़ैद औरतों के मुद्दों पर एक्सपर्ट्स से बात करेंगे आज बिग स्टोरी में.

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
Updated:
आज बिग स्टोरी में लॉकडाउन के दौरान बढ़ते हुए डोमेस्टिक वायलेंस के मामलो पर एक्सपर्ट्स से बात करेंगे
i
आज बिग स्टोरी में लॉकडाउन के दौरान बढ़ते हुए डोमेस्टिक वायलेंस के मामलो पर एक्सपर्ट्स से बात करेंगे
फोटो: क्विंट हिंदी

advertisement

भारत में घरेलु हिंसा हमेशा से एक बड़ा सामाजिक मुद्दा रहा है. लॉकडाउन से पहले जो औरतें अपने अब्यूसिव पतियों के घर से जाने का इंतजार करती थी, ताकि वो चैन की सांस कुछ घंटो के लिए ही सही, मगर ले सकें. वो अब उन्ही जुल्म ढाते पतियों के साथ अपने घरों में बंध हो चुकी हैं. कुछ के पास तो खुद का फोन भी नहीं होता तो हिंसा के बाद मदद कैसे मांगे, और कोई मदद देने के लिए आना भी चाहे तो लॉकडाउन में वो कैसे मुमकिन है? ऐसे बढ़ते हुए मामलो की वजह से NCW ने एक अलर्ट जारी किया जिस में एक वॉट्सऐप नंबर दिया है - 7217735372

लेकिन बहुत साड़ी ऐसी औरतें भी हैं जो ये नंबर शायद इस्तेमाल ही न कर पाएं. इसके पीछे की वजह जानने के लिए, और लॉकडाउन में अब्यूसिव पार्टनर्स के साथ कैद औरतों के मुद्दों पर एक्सपर्ट्स से बात करेंगे आज बिग स्टोरी में.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 15 May 2020,11:21 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT