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लोकसभा चुनाव के चार महीने के अंदर VVPAT की पर्चियां नष्ट कर दी गईं. ये बात क्विंट को चुनाव आयोग के सूचना अधिकारी ने एक RTI के जवाब में बताई है. RTI के जवाब के साथ चुनाव आयोग का 24 सितंबर 2019 का एक लेटर भी मिला, जिसमें सभी स्टेट्स और UTs के चीफ इलेक्शन ऑफिसर को VVPAT की छपी हुई पर्चियों को नष्ट करने का आदेश दिया गया था.
लेकिन जब EC की रूल बुक खुद ये कहती है की कम से कम एक साल तक इन पर्चियों को संभालकर रखना चाहिए, उसके बावजूद EC ने खुद इन पर्चियों को डिस्ट्रॉय करने का आदेश क्यों दिया? ईवीएम और वीवीपैट को लेकर इस तरह के खुलासों से चुनाव आयोग की विश्वनीयता पर कहीं न कहीं सवाल तो खड़े होते हैं.
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