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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट में दो ऐसे लोग अहम पद पर नियुक्त किए गए हैं, जो 1992 में हुए बाबरी विध्वंस मामले के आरोपी हैं. इसमें विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय को महासचिव और राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास को अध्यक्ष बनाया गया है. नृत्य गोपालदास कई सालों तक चले अयोध्या विवाद मामले में एक याचिकाकर्ता भी थे. ये दोनों ही बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था, उसी फैसले के बाद राम मंदिर ट्रस्ट बनाया गया. बाबरी-राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने का फैसला सुनाया था. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही उचित जगह पर पांच एकड़ जमीन देने को कहा था. कोर्ट ने एक ट्रस्ट बनाने का आदेश भी दिया था जो राम मंदिर के निर्माण कार्य की देख रेख कर सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को लोकसभा में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट 'राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र' का गठन कर दिया गया है. उस ट्रस्ट के सदस्यों की 19 फरवरी को पहली बैठक हुई.
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