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लंबे लॉकडाउन के बाद खुले मॉल-धार्मिक स्थल- पहले दिन का हाल

एक तरफ लॉकडाउन पूरी तरह खुल रहा है, वहीं दूसरी तरफ केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं.

फ़बेहा सय्यद
पॉडकास्ट
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एक तरफ लॉकडाउन पूरी तरह खुल रहा है, वहीं दूसरी तरफ केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. क्या वाकई में देश के लोग इस आजादी के बाद खुद को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं?
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एक तरफ लॉकडाउन पूरी तरह खुल रहा है, वहीं दूसरी तरफ केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. क्या वाकई में देश के लोग इस आजादी के बाद खुद को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं?
फोटो: क्विंट हिंदी 

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पिछले करीब ढ़ाई महीने से देश लॉकडाउन में चल रहा था, लेकिन जून के महीने से लॉकडाउन के खुलने का प्रोसेस शुरू हो गया. पहले फेज में ट्रांसपोर्ट से लेकर सलून तक कई चीजों को वापस खोल दिया गया, वहीं अब 8 जून से इस अनलॉक का दूसरा फेज शुरू हो चुका है. दूसरे फेज में शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट्स, होटल और धार्मिक स्थलों को कुछ शर्तों के साथ खोल दिया गया है. इसके लिए लोगों को जरूरी गाइडलाइंस का पालन करना होगा. अब लॉकडाउन लगाए जाने और इसके खुलने में एक सबसे बड़ा अंतर यही है कि जब लॉकडाउन लगाया गया था तब देश में करीब 525 कोरोना केस थे, वहीं जब ये खुल रहा है तब देश में कोरोना मरीजों की संख्या ढाई लाख पार कर चुकी है.

ऐसे में एक तरफ लॉकडाउन पूरी तरह खुल रहा है, वहीं दूसरी तरफ केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. तो क्या लोग अब बिना किसी डर के मॉल या फिर कहीं बाहर जा सकते हैं? क्या वाकई में देश के लोग इस आजादी के बाद खुद को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं? इसी को लेकर आज इस पॉडकास्ट में बात करेंगे.

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