advertisement
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही पॉक्सो एक्ट और सेक्सुअल असॉल्ट को लेकर एक आदेश दिया है जिससे ऐसे 'विचित्र' सवाल दिमाग में आ रहे हैं. आदेश में कहा गया है कि किसी नाबालिग के ब्रेस्ट को बिना ‘स्किन टू स्किन’ कॉन्टैक्ट के छूना POCSO यानि Protection of Children from Sexual Offences एक्ट के तहत सेक्सुअल असॉल्ट की श्रेणी में नहीं आएगा. हाईकोर्ट की नागपुर बेंच की जज पुष्पा गनेडीवाला ने आदेश में कहा है कि किसी भी छेड़छाड़ की घटना को यौन शोषण की श्रेणी में रखने के लिए घटना में ‘यौन इरादे से किया गया स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट’ होना चाहिए.
इस आदेश ने लोगों को शॉक कर दिया है. सोशल मीडिया पर लोग नाराजगी के साथ सवाल पूछ रहे हैं- क्या सिर्फ ग्रोपिंग सेक्सुअल असॉल्ट नहीं है? क्या किसी बालिग या नाबालिग को कंसेंट के बिना उसे छूना सेक्सुअल असॉल्ट नहीं है? ये युवा, बड़ी हो रही बच्चियों को ये संदेश देता है कि अगर अगर कोई आपको सहमति के बिना छूता है तो ये गलत तो है लेकिन गंभीर नहीं है जब तक आपके कपड़े न उतारे गए हो.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined