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देश के सिनेमाघरों में शुक्रवार, 27 मई को पहली बार अनेक (Anek) नाम की एक फिल्म लगती है. फिल्म की कहानी और उसके किरदार नॉर्थ-ईस्ट भारत में रहने वाले लोगों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव और राजधानी दिल्ली की उससे वैचारिक दूरी पर खुलकर बात करते हैं. जब यह सब हो रहा होता है ठीक उसी समय एक खबर तेजी से सुर्खियां बटोर रही थी - स्टेडियम बंद करा डॉगी घुमाने वाली IAS का ट्रांसफर अरुणाचल प्रदेश कर दिया गया है.
अलग तरह की और सामाजिक मुद्दों पर फिल्म बनाने के लिए जाने जाने वाले डायरेक्टर अनुभव सिन्हा और एक्टर आयुष्मान खुराना की लेटेस्ट फिल्म- Anek में कहानी है भारत के नॉर्थ ईस्ट में बसे राज्यों की. फिल्म इस क्षेत्र के राजनीतिक संघर्ष और भारतीय होने के बावजूद ‘’भारतीय नहीं होने’’ के संकट जैसे मुद्दों पर बात करती है.
यह अकेला डायलॉग फिल्म की कहानी कह जाता है, या यूं कहें कि फिल्म की आत्मा को सामने रख देता है. नॉर्थ-ईस्ट के राजनीतिक संघर्ष के साथ ही फिल्म उन तमाम कमेंट पर भी रौशनी डालती है जो वहां के लोग दिल्ली जैसे कथित ‘मेन लैंड इंडिया’ में अक्सर सुनते हैं- जैसे ‘चिंकी’, नेपालन, पार्लर वाली....
अब आते हैं IAS की ‘सजा’ के रूप में अरुणाचल प्रदेश में पोस्टिंग पर
दिल्ली के सरकारी त्यागराज स्टेडियम में ट्रेनिंग लेने वाले एथलीटों को हर दिन जल्दी जाने के लिए कहा जा रहा था ताकि दिल्ली के प्रधान सचिव (राजस्व) संजीव खिरवार अपने कुत्ते को ट्रैक पर घुमा सकें. यह खबर आती है और IAS साहब और उसकी पत्नी की सोशल मीडिया पर जमकर किरकिरी होने लगती है.
अब लोगों का सवाल है कि क्या लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे UT/राज्य को केंद्र सरकार इस हैसियत से देखती है कि वहां उन अफसरों को भेजा जायेगा, जिनपर गलती करने के आरोप लगे हैं?
तृणमूल लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ट्विटर पर लिखा कि “दिल्ली के अनियमित नौकरशाह को वहां ट्रांसफर करके अरुणाचल को शर्मसार क्यों किया जा रहा?”
Anek देखकर फिल्म थिएटर से बाहर निकला दर्शक हैरान है- अब इसे हास्यास्पद मानें, संयोग मानें या भारत की हकीकत? अभी तो परदे पर फिल्म देखकर ही सही, पूरे भारत को एक समझने जैसी भावना जगी थी लेकिन यहां देश के उसी हिस्से को सरकार ‘सजा के लिए पोस्टिंग’ के रूप में कथित तौर पर इस्तेमाल कर रही.
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