Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Readers blog  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Chhath Puja 2022: हम शहरी परिंदों को वापस घर बुलाता है छठ महापर्व

Chhath Puja 2022: हम शहरी परिंदों को वापस घर बुलाता है छठ महापर्व

छठ एक त्योहार नहीं भावना है, जो समय के साथ गहरी होते जाती है.

अश्लेषा ठाकुर
ब्लॉग
Published:
<div class="paragraphs"><p>वापस घर बुलाता है छठ महापर्व</p></div>
i

वापस घर बुलाता है छठ महापर्व

(फोटो:अश्लेषा)

advertisement

छठ, मेरे और मेरे जैसे दूसरे शहरों में बसने वाले परिंदों के लिए सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि कहीं भी हों पर छठ में घर लौट कर वापस आने का एक ऐसा सुखद कारण है, जिसका इंतजार पूरे साल रहता है. 

बिहारी या बिहार में जिंदगी के कुछ साल समय गुजरने वालों के लिए छठ एक ऐसी भावना है, जो समय के साथ गहरी होते जाती है.

मुझे पता है, छठ में घर जाना क्या होता है

छठ, भागदौड़ भरी जिंदगी में फंसे लोगों को घर वापस बुलाने का एक जरिया भी है.

मेरे साथ हुई एक नहीं भूलने वाली घटना यहां साझा कर रही हूं. जब मैं पटना आने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची तो किसी कन्फ्यूजन की वजह से मेरी फ्लाइट छूटने वाली थी. एयरलाइन्स (airline) स्टाफ के साथ थोड़ी देर बहस करने के बाद जैसे ही मैंने कहा कि मैं छठ व्रती हूं और छठ पूजा के लिए पटना जा रही हूं, तो उन्होंने बिना देर लगाए हालात को समझा और हर संभव मदद की. साथ ही ये भी कहा "मुझे पता है छठ पर घर जाना क्या होता है". उनसे ये सुनने के बाद मैंने उनका नाम पढ़ा, वो छठ महापर्व में विश्वास रखने वाली एक दूसरे धर्म की महिला थीं.

छठ आज भी वैसा ही है

4 दिनों तक चलने वाला यह महापर्व, बिहार की पहचान में से एक है. छठ का माहौल, छठ के गाने और छठ का प्रसाद शायद ही कोई भूल सकता है.

छठ पूजा सालों पहले भी ऐसी ही थी और आज भी ऐसी ही है. समय में वापस लौट जब देखती हूं, तो बहुत कम ही त्योहार है, जो आज भी पहले की तरह है. बचपन की यादों वाली छठ में मेरे लिए कुछ भी नहीं बदला सिवाए इसके कि अब नई पीढ़ी भी इस कठिन व्रत को श्रद्धा के साथ कर रही है.

वृद्ध पीढ़ी के लिए आसान नहीं है इस 4 दिनों के महापर्व को करना. पर खुशी की बात ये है कि मुझे जैसे कई हैं, जो इस महापर्व में सूर्य और छठी मईया की आराधना कर छठ पर्व की खुशबू अपने और अपनों के जीवन में बनाए रखना चाहते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

छठ में पटना की सुंदरता का कोई तोड़ नहीं

ऐसे तो कहीं भी छठ की सजावट का कोई मुकाबला नहीं पर छठ में पटना की सुंदरता का कोई तोड़ नहीं है. छठ की तस्वीरों को देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कौन सी तस्वीर पटना के छठ की है.

कल रात जैसे ही मैंने अपने व्हाट्सप्प स्टेटस पर दुल्हन की तरह सजी हुई पटना का वीडियो छठ के गाने के साथ लगाया, तो यकीन मानिए मेरे वीडियो पर दोस्तों के कॉमेंट्स की बाढ़ आ गयी. उनमें से कुछ ऐसे भी थे, जो परदेस में बैठे घर को याद कर रहे थे.

जादू है इस महापर्व में  

इस महापर्व में वो जादू है, जो लोगों को गलत काम करने से दूर रखती है. मजाल है कि इन चार दिनों में लड़कियों/महिलाओं से कोई बदतमीजी करे? छठ में गलत काम से लोग ऐसे परहेज करते हैं मानो उन्हें विश्वास है कि इस दौरान किया जाने वाला कोई भी गलत काम उन्हें वो सजा दिला सकता है, जिसकी माफी ना हो.

वहीं दूसरी ओर छठ पूजा के दौरान लोग बढ़-चढ़ कर एक-दूसरे की मदद करते हैं. शायद ही कोई हो जो इस महापर्व का हिस्सा न बनना चाहे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT