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दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन भी 13 महीने की वेदिका शिंदे (vedika shinde) को नहीं बचा सका और 1 अगस्त की शाम पुणे के एक हॉस्पिटल में उसकी मृत्यु हो गई. वेदिका 'स्पाइनल मस्कुलर एंट्रॉफी' नामक एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से पीड़ित थी और कई क्राउडफंडिंग प्लैटफॉर्म के जरिए ₹16 करोड़ जुटाने के बाद उसे पिछले महीने दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन- जोलगेन्स्म दिया गया था.
वेदिका के पिता सौरव शिंदे ने एक अखबार को बताया कि,
सौरभ शिंदे के अनुसार पिछले महीने वेदिका को इंजेक्शन दिए जाने के बाद उसकी स्थिति में सुधार आया था. इंजेक्शन दिए जाने के पहले वो अपना सिर सीधा नहीं रख सकती थी और हमेशा बिस्तर पर पड़ी रहती थी .लेकिन इंजेक्शन दिए जाने के बाद वो अपने सिर को नियंत्रित कर सकती थी.
वेदिका जब 4 महीने की थी तब वो अपना सिर सीधा नहीं रख सकती थी और गिर जाती थी. डॉक्टरों ने जांच में इसे दुर्लभ जेनेटिक बीमारी के रूप में पता लगाया, जिसके कारण उसके शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे डिजेनरेट (टूट) रही थी. डॉक्टरों के अनुसार 2 वर्ष की उम्र तक उसके शरीर की सारी मांसपेशियां डिजेनरेट हो जातीं.
इस क्राउडफंडिंग के लिए कई प्लैटफार्म की मदद ली गई. सांसद अमोल कोल्हे ने लोकसभा में सरकार से इस इंजेक्शन पर से आयात शुल्क माफ करने की अपील की थी. यह इंजेक्शन अमेरिका में उपलब्ध है. एक्टर जॉन अब्राहम ने भी लोगों से वेदिका के लिए डोनेट करने की अपील की थी.
सौरव शिंदे के अनुसार भारत में ऐसे 17 बच्चे हैं जिन्हें यह इंजेक्शन दिया गया है. सबसे पहले इंजेक्शन लेने वाला बच्चा रिकवर कर गया है. वेदिका ने उसके बाद इंजेक्शन लिया था पर वो बच नहीं सकी.
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