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आईपीएल 2019 में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को लगातार चौथी हार का सामना करना पड़ा. आरसीबी ने राजस्थान रॉयल्स के सामने जीत के लिए 159 रनों का लक्ष्य रखा, जो राजस्थान की टीम ने 3 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया.
लगातार चार मैच हारने के बाद विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का ‘प्लेऑफ’ में पहुंचना अभी से बहुत मुश्किल दिखने लगा है. यानी आईपीएल के इस सीजन के शुरू होने के ठीक दस दिन के भीतर विराट कोहली की टीम फिसड्डी दिखाई दे रही है.
बल्लेबाजी में विराट कोहली और एबी डिविलियर्स और गेंदबाजी में यजुवेंद्र चहल, मोईन अली और उमेश यादव जैसे अनुभवी खिलाड़ी आरसीबी का हिस्सा हैं. सवाल ये है कि बावजूद इसके बेंगलुरु की टीम जीत क्यों नहीं रही. इसका जवाब है विराट कोहली के प्रयोग, जो हमेशा से ही चर्चा के केंद्र में रहे हैं.
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विराट कोहली के प्रयोग की इन्तेहा ये है कि अब तक खेले गए चार मैचों में चारों बार उन्होंने अलग-अलग सलामी जोड़ी मैदान में उतारी है. चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ पहले मैच में वो खुद पार्थिव पटेल के साथ पारी की शुरुआत करने आए थे. मुंबई के खिलाफ दूसरे मैच में उन्होंने पार्थिव पटेल के साथ मोईन अली को पारी की शुरुआत करने के लिए भेजा.
तीसरे मैच में मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद से था. विराट कोहली ने पार्थिव पटेल के साथ शिमरॉन हेटमायर को भेजा.
ये बात सोचकर भी हैरानी होती है कि चार मैच में चार अलग-अलग सलामी जोड़ी कोई कप्तान कैसे उतार सकता है. मोईन अली या शिमरॉन हेटमेयर को अगर बतौर सलामी बल्लेबाज आजमाना ही था, तो उन्हें कुछ मौके लगातार दिए जाने चाहिए. सवाल ये भी है कि इस बात को जानते हुए कि 2019 विश्वकप में विराट कोहली को किसी भी सूरत में ओपनिंग नहीं करनी है, वो बल्लेबाजी की शुरुआत करने क्यों आते हैं?
प्रयोग करने में कोई हर्ज नहीं. लेकिन उन प्रयोगों में भी एक तर्क होना चाहिए. विराट कोहली टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर खुलकर ये बात कह चुके हैं कि वो लगातार प्रयोग इसलिए करते हैं जिससे विपक्षी टीम उनकी टीम की रणनीतियों को पहले से ही ना समझ सके.
नतीजा भारत को अपने ही घर में वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था. इस सीजन में लगातार चार हार के बाद भी ‘प्लेऑफ’ की रेस अभी असंभव नहीं हुई है. बशर्ते विराट कोहली किसी एक प्लान के साथ कुछ मैच खेल लें.
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