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रियो ओलंपिक में भारत की शुरुआत भले ही खराब रही हो लेकिन अभी भी कुछ उम्मीद बाकी है. क्योंकि रियो में बेडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल और योगेश्वर दत्त शामिल हैं.
साइना नेहवाल ने लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. ऐसे में अब 26 साल की साइना रियो में अपने विरोधियों के लिए एक गंभीर जोखिम है. हालांकि, उन्हें लंदन ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट ली शूरेयू का सामना करना पड़ेगा.
सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना रियो ओलंपिक में भारत की ओर से सबसे मजबूत जोड़ी है. मिर्जा ने मार्टिना हिंगिस ने लगातार तीन ग्रैंड स्लेम जीते हैं. सानिया को बड़े टूर्नामेंट्स जीतने आते हैं लेकिन वो बोपन्ना में भी जीत की भूख जगा दें तो भारत की झोली में एक मेडल आ सकता है.
रियो ओलंपिक में पूरा देश योगेश्वर दत्त की ओर देख रहा है. 34 के दत्त ने लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था. वहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स में 65 किलो भारवर्ग में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था.
जीतू राय ने भले ही 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कोई खास कारनामा नहीं दिखाया है लेकिन वे 50 मीटर पिस्टल इवेंट में मेडल के तगड़े दावेदार हैं. क्योंकि 50 मीटर इवेंट में जीतू की महारथ हासिल है. राय ने एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में 50 मीटर इवेंट में ही गोल्ड मेडल हासिल किया था.
भारतीय हॉकी टीम ने रियो ओलंपिक में अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है. आयरलैंड को 3-2 से और अर्जेंटीना को 2-1 से हराने के साथ ही इस टीम ने जर्मनी के हाथ हार का सामना किया है. ऐसे में अगर ये टीम अच्छे फॉर्म में रहती है तो भारत 36 सालों में पहली बार हॉकी में ओलंपिक मेडल जीत सकता है.
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