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एशियाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप के 81 किलो वर्ग में भारत की पूजा रानी ने वर्ल्ड चैंपियन चीनी खिलाड़ी वांग लीना को हरा कर गोल्ड मेडल जीत लिया. पुरुषों के मुकाबले में अमित पंघल ने 52 किलो कैटगरी में गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. पिछले साल एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले पंघल ने फाइनल में कोरिया के किम इनक्यू को मात दी. इस साल यह पंघल का यह दूसरा गोल्ड है.
2012 के एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पूजा ने सिल्वर मेडल जीता था. उन्होंने चीन के वांग लीना को कड़े मुकाबले में हराया. 28 साल की पूजा के पिता उसकी मुक्केबाजी के खिलाफ थे. लेकिन लगातार जिद और भिवानी में पूजा के कोच के भरोसा दिलाने पर वह मान गए. पूजा की मेहनत रंग लाई और 2014 में एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
इधर, अमित पंघल (52किलो) ने इस साल का अपना लगातार दूसरा गोल्ड मेडल हासिल किया. पंघल ने फाइनल में कोरिया के किम इनक्यू को हराया. फाइनल में पहुंचने के लिए पंघल ने चीन के जियांगुआन हू को 4-1 से करारी शिकस्त दी थी.
पंघल ने अटैकिंग शुरुआत की. उनकी यह स्ट्रेटजी काम कर गई. कोरियाई प्रतिद्वंद्वी के पास पंघल के अटैक का कोई जवाब नहीं था. भारतीय मुक्केबाज ने कोरियाई बॉक्सर को कई बार कॉर्नर में धकेला. साथ ही मजबूत डिफेंस से अपने खिलाफ हो रहे हमलों को बचाया.
इस टूर्नामेंट से पहले उन्होंने फरवरी में स्ट्रेंजा मैमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण जीता था. इस साल 49 से 52 किलो की वेट कैटगरी में शिफ्ट होने के बाद यह उनका पहला टूर्नामेंट था. हालांकि, 49 किलोग्राम भारवर्ग में भारत को निराशा हाथ लगी और नेशनल चैम्पियन दीपक सिंह को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. उन्हें उज्बेकिस्तान के नोडिजरेन मिर्जामदेव ने मात दी.
कविंदर सिंह बिष्ट को भी 56 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में एशियाई खेलों के मौजूदा चैम्पियन उज्बेकिस्तान के मिराजिज्बेकमिर्जाखालिलोव के खिलाफ हार झेलनी पड़ी.
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