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भारत की दिग्गज निशानेबाज हिना सिद्धू ने हाल ही में कहा था कि भारत को 2022 में बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों के बहिष्कार के बारे में विचार करना चाहिए. हिना ने यह बात इसलिए कही थी क्योंकि निशानेबाजी को अगले कॉमनवेल्थ खेलों में शामिल न करने का फरमान सुना दिया गया है.
हिना को अब भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा का समर्थन मिला है, जिन्होंने कहा कि खेलों का बहिष्कार एक विकल्प हो सकता है.
बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ई-मेल लिखकर इस बात की जानकारी दे दी है कि आईओए सदस्यों के बीच इस बात पर अनौपचारिक चर्चा शुरू हो चुकी है. बत्रा ने जो मेल लिखा है, उसकी एक कॉपी आईएएनएस के पास है.
इससे पहले, भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरआई) के सचिव राजीव भाटिया ने आईएएनएस से कहा था कि निशानेबाजी को न शमिल करने के फैसले के बाद अब कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि आयोजन समिति ने इस मुद्दे पर अंतिम फैसला ले लिया है.
जून में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने फैसला किया था कि 2022 में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं दी जाएगी. 1970 के बाद से ऐसा पहली बार होगा कि राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी नहीं होगी.
इससे भारत को बड़ा झटका लगा है क्योंकि इन खेलों में अगर भारत पदक तालिका में आगे रहता है तो इसके पीछे एक बड़ी वजह निशानेबाजी में जीते पदक होते हैं. 2018 के गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ खेल में भारत ने निशानेबाजी में 7 गोल्ड समेत कुल 16 मेडल जीते थे.
(IANS इनपुट्स के साथ)
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