Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019All sports  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"ऐसा रहा तो कौन अपनी बेटियों को खेलने भेजेगा"-क्विंट हिंदी से बोले पुनिया के कोच

"ऐसा रहा तो कौन अपनी बेटियों को खेलने भेजेगा"-क्विंट हिंदी से बोले पुनिया के कोच

'पहलवानों का शोषण काफी घिनौनी हरकत, कोच की नियुक्ति में खिलाड़ियों से कोई बात नहीं होती'

धनंजय कुमार
अन्य खेल
Published:
<div class="paragraphs"><p>"ऐसा रहा तो कौन बेटी को खेलने भेजेगा", क्विंट हिंदी से बोले बजरंग पुनिया के कोच</p></div>
i

"ऐसा रहा तो कौन बेटी को खेलने भेजेगा", क्विंट हिंदी से बोले बजरंग पुनिया के कोच

(फोटो-Atul Yadav/पीटीआई)

advertisement

बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) जैसे दिग्गज भारतीय पहलवानों ने अपने ही फेडरेशन के मुखिया के खिलाफ मोर्चा खोलकर खेल और राजनैतिक जगत में हलचल मचा दी है. बजरंग पुनिया इस प्रदर्शन के मुख्य चेहरों में से एक हैं. 2003 से 2008 तक बजरंग पुनिया के कोच रहे विरेंद्र पहलवान ने क्विंट हिंदी से बात की और कहा कि आज देश का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों को सड़क पर बैठना पड़ा इससे उन्हें काफी दुख पहुंचा है.

'पहलवानों का शोषण काफी घिनौनी हरकत'

विरेंद्र पहलवान ने रेसलिंग में चल रहे विवादों और आरोपों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि "पहलवानों का शोषण काफी घिनौनी हरकत है. महिला पहलवान देश की शान हैं और इस तरह से मामले आने से गलत प्रभाव पड़ता है. कौन अपनी बेटी को खेलने के लिए भेजेगा. कोई भी हिचकिचाएगा. रेसलिंग में महिलाओं की संख्या और कम हो जाएगी."

बजरंग पुनिया के साथ उनके एक्स कोच विरेंद्र पहलवान

(फोटो- क्विंट हिंदी)

फेमस होने के बाद कंपनियां सहायता करती हैं, लेकिन ग्रास रूट पर भी मदद होनी चाहिए. वहां कुछ नहीं होता. नौजवानों को देख कर ही देश काम करता है, इसलिए इसमें सरकार को साथ देना चाहिए. हर मां-बाप चाहता है कि उसका बच्चा थोड़ा खेले-कूदे इससे ओवरऑल डेवलपमेंट होती है. उसमें कॉन्फीडेंस आता है और हीन भावना नहीं रहती.
वीरेंद्र पहलवान, बजरंग पुनिया के एक्स कोच
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'खिलाड़ी को अपने करियर की भी चिंता रहती है'

हमारे पूछने पर कि जब बजरंग इतने कॉन्फीडेंट हैं तो उन्हें अब तक चुप क्यों रहना पड़ा, विरेंद्र ने कहा कि खिलाड़ी का करियर काफी छोटा होता है और वो इन चीजों से बचना चाहता है. कहीं कोई खिलाड़ी निशाने पर न आ जाए. इससे उसके करियर पर असर पड़ सकता है. उसे अपने ऊपर फोकस करना होता है." उन्होंने आगे कहा कि लड़कियां भी अपनी इज्जत रखने के लिए बात को दबाती हैं. इन चीजों से शादी में भी अड़चन आती हैं.

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ की तरफ से नियुक्त कोचों पर भी यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं.

विरेंद्र पहलवान ने इसपर कहा कि कोच नियुक्ति में WFI की ही चलती है. उन्होंने जो कह दिया वो खिलाड़ियों के लिए आदेश है. खिलाड़ी से किसी तरह कोई चर्चा नहीं होती.

'रेसलिंग देश की सांस्कृतिक धरोहर है'

विरेंद्र पहलवान ने कुश्ती के महत्व पर बात करते हुए कहा कि ये देश की सांस्कृतिक धरोहर है. फौज में भी सारी चीजें तोप और मिसाइल से ही नहीं होतीं. मुख्य इकाई तो आदमी ही है. वो मजबूत होगा तभी लड़ पाएगा. कुश्ती से लोग मजबूत रहते हैं. इसलिए इसे फौज में भी किया जाता है.

लोगों में भगवान का भी भय कम हो गया है. ऊपर से ताकत मिल जाती है तो कानून का भी भय कम हो जाता है. कानून और शासन का भय खत्म होने से इंसान गलत काम कर बैठता है. अच्छा पैसा हो जाने के बाद आदमी इंद्रीय सुख सोचने लगता है.
वीरेंद्र पहलवान, बजरंग पुनिया के एक्स कोच

उन्होंने आगे कहा कि जब बच्चे अपने सितारों को सड़कों पर बैठ कर सिस्टम से लड़ते देखते हैं तो उनका भी मनोबल टूटता है. आपको बता दें कि विरेंद्र पहलवान ने सिर्फ बजरंग को ही नहीं बल्कि दीपक पुनिया को भी कोचिंग दी है. वे करीब 13 सालों तक दीपक के कोच रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT