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Women's Boxing World Championships: भारत की नीतू घंघास (Nitu Ghanghas) ने 48 किग्रा वर्ग में दो बार की एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता मंगोलिया की लुत्सेखान अल्तांसेटसेग को शनिवार को खचाखच भरे आईजी स्टेडियम में 5-0 से हराकर विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. नीतू घंघास पहली बार विश्व चैंपियन बनी हैं. वह पिछले कुछ समय से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और बड़ी प्रतियोगिताओं में देश के लिए पदक जीत रही हैं. हालांकि, नीतू ने इसकी झलक काफी पहले ही दिखा दी थी, जब उन्होंने दुनिया की महान मुक्केबाज मैरीकॉम को हराया था.
दोनों मुक्केबाजों ने मुकाबले में आक्रामक शुरूआत की लेकिन यह भारतीय मुक्केबाज थी जिसने मंगोलियाई मुक्केबाज के चेहरे पर पंच लगाए और पहला राउंड 5-0 से जीत लिया. दूसरा राउंड नजदीकी हुआ लेकिन नीतू इसे 3-2 से जीतने में कामयाब रहीं. तीसरे राउंड में नीतू ने स्मार्ट तरीके से खेलते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया.
नीतू एक सामान्य परिवार से आती हैं. उनके पिता जयभगवान विधानसभा में बिल मैसेंजर का काम करते हैं. हरियाणा के भिवानी के गांव धनाना में रहने वाली नीतू ने 2012 में अपना बॉक्सिंग करियर शुरू किया था, लेकिन दो साल तक वह कोई पदक नहीं जीत पाईं. इसके बाद वह निराश हो गईं और बॉक्सिंग छोड़ने के बारे में सोचने लगीं. हालांकि, पिता ने उनका हौंसला बढ़ाया और मेहनत करते रहने को कहा. इसी का नतीजा था कि नीतू ने दमदार वापसी की. उनके करियर का सबसे बड़ा पल 2022 में आया, जब उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता. अब महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया है.
मिनी क्यूबा के नाम से जाने जानेवाली नीतू घंघास के मुक्कों से अनुभवी भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम लड़खड़ा गई थीं. रिंग में मैच के दौरान मैरीकॉम को घुटने में चोट लगने के बाद राष्ट्रमंडल खेलों के 48 किग्रा के ट्रायल के बीच में ही हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था. 6 बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम को सेमीफाइनल के पहले राउंड में ही नीतू ने धूल चटा दी थी.
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