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10 जुलाई को जब इंग्लैंड के मैनचेस्टर में भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हारकर बाहर हो गई थी, तो देश भर में निराशा थी. लेकिन यूरोप के ही एक और हिस्से में भारत की एक और एथलीट मैदान में भारतीय तिरंगे को ऊंचा लहराने के लिए अपनी जी-जान लगा रही थी.
10 जुलाई को ही इटली के नापोली में हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत की स्प्रिंटर दुती चंद ने 100 मीटर में गोल्ड मेडल जीत लिया. सिर्फ 11.32 सेकेंड में रेस जीतने वाली दुती इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला स्प्रिंटर बन गईंं.
जीत के बाद भारत वापस लौटी दुती ने कहा कि देश को क्रिकेट के अलावा दूसरे एथलीट की सफलता पर खुशी मनानी चाहिए.
हाल ही में समलैंगिक संबंध की बात सबके सामने रखने के बाद अपने ही परिवार के निशाने पर आई दुती ने कहा कि उनके परिवार ने भी उनकी इस जीत पर खुशी जाहिर की है.
क्रिकेट वर्ल्ड कप में हार के बाद फैंस की निराशा के बीच गोल्ड मेडल जीतने वाली दुती ने कहा कि टीम की हार का दुख उन्हें भी है, लेकिन बाकी एथलीट के प्रदर्शन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.
पिछले कुछ समय से लगातार अपने निजी जीवन को लेकर चर्चा और विवादों में आई दुती ने इस सबका असर अपने प्रदर्शन पर नहीं पड़ने दिया और नापोली में इतिहास रच दिया. जीत के बाद दुती ने कहा कि अब परिवार में चीजें ठीक हैं और वो भी जीत से खुश हैं.
100 और 200 मीटर में लगातार भारत का नाम रोशन कर रही दुती का इंटरनेशनल स्तर पर 100 मीटर का ये पहला गोल्ड मेडल है. 2014 में अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स संघ की तरफ से बैन के बाद दुती ने अपनी जंग लड़ी और अपना हक हासिल किया.
नापोली में अपनी जीत पर दुती ने कहा कि वो अब 100 मीटर पर लगातार फोकस करती रहेंगी.
एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली दुती ने कहा कि वह देश के बाहर ट्रेनिंग करना चाहती हूं और इसके लिए मुझे समर्थन की जरूरत है.
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