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पीवी सिंधु बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम करने वाली पहली भारतीय बन गई हैं. भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में ये सिर्फ दूसरा मौका है, जब एक ही वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को दो मेडल मिले हों. उसमें भी ये पहली बार हुआ है जब पुरुष और महिला वर्ग में एक साथ भारत ने मेडल अपने नाम किए हों.
1977 में वर्ल्ड चैंपियनशिप शुरू हुई, लेकिन भारत को पहला मेडल 1983 में मिला था, जब प्रकाश पादुकोण को ब्रॉन्ज मिला था. पहला गोल्ड जीतने में भारत को 42 साल लग गए, इसलिए ये जीत बेहद खास है. सिंधु 2017 और 2018 में लगातार दो बार फाइनल हारी, लेकिन हार नहीं मानी और अपने तीसरे फाइनल में आखिर गोल्ड जीत ही लिया.
बिग स्टोरी में सुनिए पी वी सिंधु का अब तक का सफर और उनकी ज़बरदस्त जीत पर स्पोर्ट्स कमेंटेटर नोवी कपाडिया का एनालिसिस.
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