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पीवी सिंधु ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में ओकुहारा को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया. इसके साथ ही सिंधु ये खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं. अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद सिंधु ने ये खिताब अपनी मां को समर्पित किया और इसके पीछ सिंधु ने बेहद खास वजह बताई.
मैच के बाद सिंधु ने कहा-
इसके साथ ही सिंधु ने ये उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बनने पर कहा कि उन्हें भारतीय होने पर गर्व है,
वहीं सिंधु की जीत के बाद उनकी मां पी विजया ने कहा कि हम सब इसका इंतजार कर रहे थे।
इसके साथ ही सिंधु ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपने नाम तीनों मेडल कर लिए हैं. सिंधु ने 2013 और 2014 में ब्रॉन्ज हासिल किया था. जबकि 2017 और 2018 में सिंधु खिताब से चूक गई थीं और दोनों बार उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा था. आखिरकार लगातार तीसरी बार फाइनल में पहुंच कर सिंधु ने अपना पहला गोल्ड हासिल कर लिया.
लगातार बड़े टूर्नामेंट्स में जीत के करीब पहुंचकर गोल्ड से चूकने वाली सिंधु ने आखिर इस चुनौती को भी पार किया और आखिरकार वर्ल्ड चैंपियनशिप का पहला गोल्ड हासिल कर लिया.
इससे पहले 2016 ओलंपिक के फाइनल में और फिर 2017-2018 में लगातार 2 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में सिंधु को हार का सामना करना पड़ा था.
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