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भारत की स्टार गोल्फर अदिति अशोक (Aditi Ashok) टोक्यो ओलंपिक में सिर्फ कुछ इंच की दूरी से टॉप तीन में जगह नहीं बना पाईं. भारत की 23 साल की गोल्फर अदिति टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में इतिहास रचने से चूक गईं. उनका एक शॉट उनके पीछले तीन दिन के प्रदर्शन पर भारी पड़ गया.
अमीरों का खेल समझे जाने वाले गोल्फ के नियम, कायदे, दांव पेच बहुत कम लोग जानते हैं, लेकिन अदिति ने हम जैसे लाखों लोगों को टीवी और मोबाइल के स्क्रीन से चिपककर बैठे रहने को मजबूर कर दिया.
अदिति के खेल को समझने के लिए थोड़ा गोल्फ भी समझ लेते हैं-
खेल के शुरुआत से ही अदिति तीन राउंड तक मेडल की दौड़ में बनी हुई थीं. अदिति के चेहरे पर कभी भी टेंशन या बेचैनी नहीं दिखी. वो लगातार शांति के साथ एक एक शॉट ले रही थीं. तीन दिनों की मेहनत के बाद चौथे और आखिरी दिन के खेल में भी वो लगातार टॉप चार खिलाड़ियों में बनी रहीं, मानों बस मेडल झोली में है. कभी दूसरे नंबर रहतीं तो कभी तीसरे पर. कई बार वो मेडल रेस से बाहर हुईं तो कभी उन्होंने वापसी कर मेडल जीतने की उम्मीद बनाई.
अपना दूसरा ओलंपिक खेल रहीं अदिति रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रही थीं. लेकिन टोक्यो में अदिति ने शुरू से ही शानदार प्रदर्शन किया और तीसरे राउंड की आखिर तक टॉप-3 में बनी रहीं. यहां तक कि फाइनल राउंड में अदिति अपने विरोधियों के सामने एक के बाद एक पावरफुल और सटीक गेम खेल रही थीं.
तीन दिनों की मेहनत के बाद चौथे राउंड में 12वें होल से अदिति का गणित बिगड़ा. अदिति ने 11वें होल तक भी दूसरा नंबर बना रखा था, लेकिन 12वें होल से उनकी विरोधी और मेजबान जापान की मोने इनामी ने लगातार चार बर्डी बनाई और आगे निकल गईं, रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली न्यूजीलैंड की लेडिया को को बीच तीसरे स्थान के लिए मुकाबला चलता रहा.
आखिरी होल में अदिति के पास बर्डी का मौका था, लेकिन वह महज कुछ सेंटीमीटर से चूक गईं. सिर्फ एक स्ट्रोक ने उनसे ऐतिहासिक मेडल दूर कर दिया. अदिति कुल 15 अंडर 269 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहीं.
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