advertisement
भारत ने पैरालंपिक (Paralympics) खेलों में इतिहास में अब तक का अपना सबसे बड़ा दल भेजा है. इस बार भारत की ओर से 54 पैरा एथलीट्स हिस्सा ले रहे हैं. आइए जानते हैं भारत के उन छह प्लेयर्स के बारे में जिनसे पदक की उम्मीद लगाई जा रही है.
2016 रियो पैरालंपिक में भारत ने पांच खेलों में 19 एथलीट भेजे थे, उस समय वह पैरालंपिक इतिहास का भारत का सबसे बड़ा दल था. वो रिकॉर्ड सफलता के साथ लौटा था. भारत ने चार पदक जीते थे, जिनमें दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक शामिल था. ये भारत का सबसे सफल पैरालंपिक खेल था.
1984 न्यूयॉर्क गेम्स में भारत के खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार पदक हासिल कर मेडल टैली में दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त रूप से 37वें स्थान पर कब्जा जमाया था.
1972 में जर्मनी के हीडलबर्ग गेम्स में भारत ने पैरालिंपिक में अपना पहला पदक जीता. तब पैरा-तैराक मुरलीकांत पेटकर ने 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी में स्वर्ण पदक हासिल करते हुए 37.33 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था. उस गेम्स 42 देशों की पदक तालिका में भारत एक पदक के साथ 24वें स्थान पर रहा था. पेटकर 1971 भारत-पाक युद्ध के वार हीरोज में से एक थे.
भारत टोक्यो पैरालंपिक खेलों में अपना सबसे बड़ा दल भेज रहा है. इस बार भारत की ओर से 54 पैरा एथलीट्स 9 विभिन्न खेलों में उतरेंगे. जिसमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, केनोइंग, शूटिंग, स्वीमिंग, पावरलिफ्टिंग, टेबल टेनिस और ताइक्वांडो शामिल हैं.
मरियप्पन थंगावेलु टोक्यो 2020 पैरालंपिक गेम्स के उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होंगे. थंगावेलु ने 2016 रियो पैरालंपिक गेम्स में पुरुषों की हाई जंप स्पर्धा में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था.
वहीं पैरा एथलीट देवेंद्र झाझरिया की निगाहें गोल्ड मेडल की हैट्रिक पर होगी. टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में पहली बार बैडमिंटन की स्पर्धाओं को शामिल किया गया है. इसमें भारत के पैरा बैडमिंटन स्टार प्रमोद भगत नजर आएंगे. बैडमिंट में 7 भारतीयों ने हिस्सा लिया है. वहीं इस बार रिकॉर्ड 10 निशानेबाज ने टोक्यो के लिए क्वॉलिफाई किया है. एथलेटिक्स गेम्स के लिए 24 सदस्य गए हैं जिसमें से 4 महिलाएं हैं. इनमें से 5 सदस्य निशानेबाजी में हिस्सा लेंगे.
देवेंद्र झाझरिया (F-46 भाला फेंक)
देवेंद्र झाझरिया भारत के श्रेष्ठ पैरा एथलीट्स में से एक हैं. ये एफ-46 भाला फेंक स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. 2004, एथेंस और 2016, रियो में गोल्ड अपने नाम कर चुके झाझरिया की निगाहें इस बार अपने तीसरे गोल्ड पर होगी.
झाझरिया ने रियो पैरालंपिक गेम्स में 63.97 मीटर का थ्रो करके वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था. इसके बाद जुलाई 2021 में अपने ही रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए 65.71 का थ्रो किया और टोक्यो की टिकट पक्की की थी. एथेंस में इन्होंने 62.15 मीटर की थ्रो की थी.
इनकी अब तक की परफॅर्मेंस को देखते हुए देश को इनके पदक की प्रबल उम्मीद है.
भाला फेंक में भारत की ओर से एक और स्टार टोक्यो में पदक दिला सकते हैं. 23 वर्षीय सुमित एफ-64 कैटेगरी में इस साल दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी हैं. नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इन्होंने 66.90 मीटर की थ्रो करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.
सुमित ने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रांड पिक्स 2019, पेरिस ओपन हैंडीस्पोर्ट 2019 और वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है. इन्हाेंने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ही टोक्यो के लिए अपना नाम पक्का किया था. अब देखना है कि क्या सुमित पैरालंपिक में भारत को मेडल दिला सकते हैं?
मरियप्पन थंगावेलु भारत सबसे अनुभवी पैरा एथलीट्स में से एक हैं. इन्होंने रियो 2016 में हाई जंप स्पर्धा में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. वहीं 2019 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में इन्होंने ब्राॅन्ज मेडल जीता था.
इन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. इस बार टोक्यो में पैरालंपिक गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी में ये भारत के ध्वजवाहक होंगे.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करते हुए मरियप्पन ने सभी के लिए एक प्रेरणादायक संदेश के दिया था. उन्होंने कहा था कि "मुझे कम उम्र में एक दुर्घटना का सामना करना पड़ा, लेकिन उसकी वजह से मैंने खुद को रुकने नहीं दिया. मैं 2011 से लगातार परफॉर्म कर रहा हूं और देश को एक बार फिर टोक्यो में गौरवान्वित करना चाहता हूं. मैं हर एथलीट से कहना चाहता हूं कि कभी भी हार ना माने."
टोक्यो ओलंपिक गेम्स में बैडमिंटन की स्पर्धाओं का डेब्यू हुआ हो रहा है. ऐसे में भारत के प्रमोद भगत के पास अपना शानदार खेल इस प्लेटफार्म पर दिखाने का मौका है. ओडिशा के 33 वर्षीय प्रमोद मेंस SL3 इवेंट में वर्तमान में वर्ल्ड नंबर 1 प्लेयर हैं.
बैडमिंट के अनुभवी प्लेयर प्रमोद ने विश्व चैंपियनशिप में कई स्वर्ण पदक जीते हैं, उन्होंने सबसे हाल में फरवरी 2020 में पेरू पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल में पदक जीता था. जहां वे शीर्ष वरीयता प्राप्त थे.
एशियन पैरा गेम्स 2018 में पुरुष एकल और पुरुष युगल स्पर्धाओं में प्रमोद ने स्वर्ण और कांस्य पदक हासिल किया था. इससे पहले उन्होंने विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप उल्सान, दक्षिण कोरिया 2017 और एशियन पैरा गेम्स 2014 में कांस्य पदक जीते थे.
जून में ही इस बात पर मुहर लगी कि अरुणा तंवर टोक्यो पैरालंपिक गेम्स के लिए जाएंगी. इसके साथ ही एक इतिहास भी रच गया, अरुणा भारत की पहली पैरा ताइक्वांडो प्लेयर बनीं जो पैरालंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. वह आठ देशों के उन आठ एथलीटों में से एक थीं, जिन्हें आईओसी और वर्ल्ड ताइक्वांडो द्वारा टोक्यो के लिए द्विदलीय कोटा की पेशकश की गई थी.सि
21 वर्षीय अरुणा वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे स्थान पर हैं. वे 49 किग्रा भारवर्ग में K-43 कैटेगरी में हिस्सा लेंगी. 2018 में वियतनाम में एशियन पैरा ताइक्वांडो चैंपियनशिप में इन्होंने सिल्वर मेडल जीता था. तुर्की में वर्ल्ड पैरा ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2019 में इन्होंने कांस्य पदक जीता था, जहां ये यूक्रेन की दुनिया की नंबर एक विक्टोरिया मार्चुक से हार गई थीं.
वर्ल्ड नंबर 5 रुबिना फ्रांसिस टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारतीय निशानेबाजी दल का नेतृत्व करेंगी. वे इस खेलों में भारत की पहली पैरा पिस्टल शूटर हैं.
जून 2021 में लीमा विश्व कप की स्वर्ण पदक विजेता रुबिना ने पेरू में विश्व रिकॉर्ड बनाया था. वे इस इवेंट में अपने अच्छे फॉर्म की गति को आगे भी जारी रखना चाहेंगी.
2019 WSPS विश्व कप क्रोएशिया में रुबिना ने P2 में कांस्य जीता था और 2019 WSPS विश्व कप बैंकॉक, थाईलैंड में इन्होंने P2 में जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था.
इसी साल मई में COVID-19 से लड़ने के बाद इस 22 वर्षीय शूटर ने टोक्यो के लिए अपनी सीट कंफर्म की और भारतीय पैरा-शूटरों के दल का हिस्सा बनीं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)