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वर्ल्ड बैडमिंटनःप्रणॉय के सामने वर्ल्ड नंबर-1,सिंधु की राह भी कठिन

एचएस प्रणॉय ने दूसरे दौर में पूर्व वर्ल्ड चैंपियन लिन डैन को हराया था

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पीवी सिंधु और एचएस प्रणॉय
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पीवी सिंधु और एचएस प्रणॉय
(फोटोः @BAI_Media/@Media_SAI)

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स्विट्जरलैंड के बासेल में चल रही वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के चौथे दिन गुरुवार 22 अगस्त को सेंट जैकब्सहाल में भारत के पांच प्रमुख बैडमिंटन खिलाड़ी प्री-क्वार्टर फाइनल की कठिन चुनौती का सामना करेंगे.

पुरुष वर्ग के सिंगल्स में जहां टूनार्मेंट के सातवें सीड किदाम्बी श्रीकांत थाईलैंड के कांटाफोन वांचारोएन की चुनौती का सामना करेंगे, वहीं एचएस प्रणॉय को तीसरे दौर में दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी जापान के केंटो मोमोटा से भिड़ना है.

प्रणॉय ने दूसरे दौर में 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन चीन के लिन डैन को हराया था. इसलिए उनका आत्मविश्वास इस वक्त बढ़ा हुआ होगा. हालांकि दोनों के बीच हुए 5 मुकाबलों में से प्रणॉय एक बार भी मोमोटा को हरा नहीं पाए हैं.

इसी तरह साई 16वीं सीड साई प्रणीत को छठी सीड इंडोनेशियाई खिलाड़ी एंटोनी सिनीसुका गिटिंग का सामना करना है.

वहीं महिला के सिंगल्स में दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी पीवी सिंधु का सामना अमेरिका की बेइवेन झांग से होगा. झांग टूर्नामेंट की नौवीं सीड खिलाड़ी हैं. जबकि 2015 की सिल्वर मेडलिस्ट साइना नेहवाल का सामना डेनमार्क की मिया ब्लीकफेल्ड से होगा. साइना टूर्नामेंट की आठवीं और ब्लीक 12वीं सीड खिलाड़ी हैं.

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सिंधु की राह नहीं आसान

वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज जीतने के बाद अपने पहले गोल्ड मेडल की तलाश में लगीं सिंधु को पहले दौर में बाई मिली थी. इसके बाद सिंधु ने बुधवार 21 अगस्त को अपने दूसरे दौर के मुकाबले में चीनी ताइपे की यू पो पाई को हराया था.

सिंधु ने बेशक अपना पहला मुकाबला आसानी से जीत लिया लेकिन झांग के साथ उनका मुकाबला आसान नहीं होगा क्योंकि झांग हमेशा से कठिन प्रतिद्वंद्वी रही हैं.

अब तक दोनों खिलाड़ियों के बीच कुल सात मुकाबले हुए हैं, जिनमें से चार में सिंधु ने बाजी मारी है. इस साल इन दोनों के बीच अब तक कोई मुकाबला नहीं हुआ है लेकिन 2018 में दोनों चार बार भिड़ी थीं और दोनों ने 2-2 बार जीत हासिल की थी.

सायना नेहवाल की बात करें तो पहले दौर में बाई मिलने के बाद इन्होंने अपने पहले मुकाबले में नीदरलैंड्स की सोराया एबेरजेन को आसानी से 21-10, 21-11 से हराया था. ब्लीक के साथ उनका पहली बार सामना होगा, जो पहले दौर में बाई हासिल करने के बाद अपने दूसरे दौर के मुकाबले में बेल्जियम की लिएने तान को हराने में सफल रही थीं.

प्रणॉय के लिए सबसे बड़ी चुनौती

इस टूर्नामेंट में गैर वरीयता प्राप्त भारत के एचएस प्रणॉय ने अभी तक का सबसे बड़ा मैच इस टूर्नामेंट में जीता है. दूसरे ही दौर में उनका सामना 2 बार के ओलंपिक चैंपियन और 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन चीन के लिन डैन से हुआ. तीन गेम तक चले इस मुकाबले में प्रणॉय ने चीनी दिग्गज को 21-11, 13-21, 21-7 से हराकर बाहर का रास्ता दिखा दिया.

लेकिन प्रणॉय के लिए इससे भी बड़ी चुनौती अभी इंतजार कर रही है. तीसरे दौर में उनके सामने हैं जापान के केंटो मोमोटा, जो इस वक्त दुनिया के नंबर एक शटलर हैं. प्रणॉय ने मोमोटा के खिलाफ सभी 5 मुकाबले हारे हैं. आखिरी बार दोनों की टक्कर इसी साल सिंगापुर ओपन में हुई थी जहां मोमोटा आसानी से जीत गए थे.

वहीं श्रीकांत को कांटाफोन के खिलाफ सावधानी से खेलना होगा क्योंकि अब तक खेले गए उनके दोनों मुकाबले तीन गेम तक खिंचे हैं. श्रीकांत ने दूसरे दौर के के मुकाबले में इजरायल के मिशा जिल्बेरमैन को 13-21, 21-13, 21-16 से हराया था.

इससे पहले श्रीकांत ने अपने पहले दौर के मुकाबले में आयरलैंड के गैरवरीय खिलाड़ी नहत नग्वेन को 17-21, 21-16, 21-6 से हराया था.

जहां तक प्रणीत की बात है तो वह गिंटिंग के खिलाफ जीत हासिल कर सकते हैं. इन दोनों के बीच यह पांचवां मुकाबला होगा. दोनों की 2-2 बार जीत हुई है. इस साल आस्ट्रेलियन ओपन में हालांकि गिंटिंग ने प्रणीत को हराया था. इस मैच के पहले गेम में 25-23 के स्कोर के साथ फैसला हुआ था लेकिन दूसरे गेम में प्रणीत 9-21 से हार गए थे.

टूनार्मेंट के अन्य सभी वर्गों में भारतीय चुनौती समाप्त हो चुकी है.

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