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चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के लिए टीम इंडिया अभी इंग्लैंड पहुंची ही थी कि यहां बैठे बीसीसीआई के अधिकारियों ने टीम के कोच अनिल कुंबले के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर दिया. दरअसल बीसीसीआई ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज जारी की है जिसमें वो टीम इंडिया के ‘हेड-कोच’ पद के लिए नए आवेदनों की मांग कर रहा है. चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट से ठीक पहले बीसीसीआई का यूं नए कोच के लिए आवेदन मांगना थोड़ा अटपटा सा नजर आता है. हालांकि अनिल कुंबले को आवेदन देने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि वर्तमान कोच होने के नाते उनका आवेदन ऑटोमैटिक तरीके से चला जाएगा.
कुंबले ने जून, 2016 में टीम इंडिया के कोच का पद संभाला था. सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की सलाहकार समिति की सिफारिश के बाद ही कुंबले को पूर्व मैनेजर रवि शास्त्री पर तरजीह देते हुए कोच बनाया गया था. अब चैंपियंस ट्रॉफी-2017 के बाद उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है.
बतौर कोच अनिल कुंबले का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा. उनके कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया ने 17 टेस्ट मैचों में से 12 जीते, 4 ड्रॉ रहे और सिर्फ 1 मैच गंवाया. कुंबले के कार्यकाल के दौरान ही टीम इंडिया ने आईसीसी रैंकिंग में नंबर-1 पायदान हासिल किया.
अमूमन इतना शानदार प्रदर्शन होने पर कोच का कार्यकाल अपने आप ही बढ़ा दिया जाता है लेकिन बीसीसीआई का इस तरह आवेदन मांगना थोड़ा अटपटा नजर आता है. हाल ही में आई कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बतौर कोच कुंबले अपनी सैलेरी में इजाफा चाहते हैं. ऐसा अनुमान है कि कुंबले को फिलहाल करीब 6.25 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं और वो इसमें 20 फीसदी की बढ़ोतरी चाहते हैं. बोर्ड शायद इतने पैसे कोच को देना नहीं चाहती है.
वहीं आईसीसी की बैठकों के दौरान बीसीसीआई के ये अधिकारी जब बार-बार चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेलने की धमकी दे रहे थे तब ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि कुंबले ने ही सुप्रीम कोर्ट के प्रशासकों की समिति को ये संदेश भिजवाया था कि खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलना चाहते हैं और ये बात बीसीसीआई के मौजूदा अधिकारियों को बुरी लगी. इसके अलावा अनिल कुंबले ने टेस्ट, वनडे और टी-20 क्रिकेट खेलने वाले क्रिकेटर्स के लिए सीओए से अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट की मांग भी की थी. तभी से बीसीसीआई के एक गुट में कुंबले के खिलाफ बातें होने लगी थीं.
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