मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रोहित,विराट अब बैट्समैन नहीं,बैटर कहलाएंगे, लेकिन इतने से नहीं मिलेगा इंसाफ

रोहित,विराट अब बैट्समैन नहीं,बैटर कहलाएंगे, लेकिन इतने से नहीं मिलेगा इंसाफ

क्रिकेट में 'बैट्समैन' नहीं अब 'बैटर' होगा लेकिन ये बदलाव नाकाफी है

धनंजय कुमार
स्पोर्ट्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p>महिला क्रिकेट (सांकेतिक तस्वीर)</p></div>
i

महिला क्रिकेट (सांकेतिक तस्वीर)

फोटो: द क्विंट 

advertisement

क्रिकेट ( Cricket) और भेदभाव का पुराना नाता रहा है. रंग के आधार भेदभाव से काफी हद तक क्रिकेट को निजात मिल चुकी है लेकिन जेंडर (Gender) के आधार भेदभाव को क्रिकेट से पूरी तरह अलग नहीं किया जा सका.

इसी जेंडर आधारित भेदभाव को कम करने के लिए क्रिकेट के नियम निर्धारित करने वाली संस्था मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने एक खास पहल की है. MCC ने तय किया है कि अब क्रिकेट में आधिकारिक तौर पर Batsman / Batsmen की जगह Batter/Batters शब्द का प्रयोग किया जाएगा क्योंकि ये शब्द जेंडर न्यूट्रल हैं.

लेकिन सवाल ये है कि इस पहल के बावजूद क्या क्रिकेट से जेंडर आधारित भेदभाव खत्म हो जाएगा. अगर शब्द की ही बात करें तो अभी भी Thirdman, Night WatchMan और 12th Man जैसे शब्द खूब प्रचलित हैं.

'बैट्समैन' नहीं अब 'बैटर' होगा

द टाइम्स के अनुसार बैट्समैन शब्द क्रिकेट में 1744 से ही प्रयोग किया जा रहा है जिसे अब MCC ने खत्म करके बैटर शब्द को बढ़ावा दिया है.

बैट्समैन शब्द के पीछे मैन ( पुरुष ) आता है लेकिन यही शब्द महिला क्रिकेट में भी प्रयोग किया जाता था. अब महिला क्रिकेट को पुरुषवादी शब्दों से आजादी दिलाने के लिए जेंडर न्यूट्रल शब्दों के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है. अपनी वेबसाइट पर एक बयान में एमसीसी ने कहा:

"2017 में नियम निर्धारण के समय ICC और महिला क्रिकेट के आंकड़ों को देखने के बाद ये सहमति हुई थी कि 'बैट्समैन' शब्द ही प्रयोग में लाया जाएगा."

लेकिन एमसीसी के सचिव जेमी कॉक्स ने कहा कि "पिछले कुछ सालों में महिला क्रिकेट में हुए विकास के चलते ये बदलाव लाया जा रहा है. अब इस बदलाव को औपचारिक रूप से मान्यता दिए जाने का ये सही समय है."

"The Hundred" में हो चुका था इसका प्रयोग

इसी साल जुलाई में इंग्लैंड में 100 गेंद वाले क्रिकेट टूर्नामेंट "The Hundred" के आयोजन के दौरान जेंडर न्यूट्रल शब्दों का प्रयोग किया गया था.

इस टूर्नामेंट के पहले मैच में ब्रॉडकास्टर्स ने बैट्समैन को बैटर, फील्डिंग पोजीशन 'थर्डमैन' को थर्ड, और नाइटवॉचमैन' शब्द को 'नाइटवॉच' के रूप में इस्तेमाल किया था.

साथ ही बीबीसी और स्काई जैसी समाचार एजेंसियों ने भी इन्हीं शब्दों को अपनी रिपोर्टिंग में जगह दी थी.

खाली 'बैटर' ही एकलौता बदलाव क्यों?

यहां पर ये सवाल जरूर खड़ा होता है कि अगर आईसीसी और एमसीसी का उद्देश्य महिला और पुरुष क्रिकेट में समानता स्थापित करना है तो सिर्फ एक ही शब्द (बैट्समैन) को क्यों बदला गया.

कई ऐसे शब्द हैं जो जेंडर न्यूट्रल नहीं है लेकिन पुरुष और महिला क्रिकेट दोनों में खूब प्रचलित है. Thirdman, Night WatchMan और 12th Man जैसे शब्द क्रिकेट में आम हैं जो दिखाते हैं कि खेल पर पुरुषवादी सोच हावी है. ऐसे में एमसीसी को इन शब्दों के बारे में भी सोचना होगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

समानता लानी है तो और कदम उठाने होंगे

क्रिकेट में समानता की बात हो रही है तो यहां सिर्फ शब्दों पर बात खत्म नहीं की जा सकती. शब्दों के अलावा ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें महिला क्रिकेटरों की हालत पुरुषों की तुलना में दयनीय है.

उदाहरण के लिए अगर इनकम की ही बात करें तो सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड 'बीसीसीआई' अपने ग्रेड A+ के पुरुष खिलाड़ियों को सालाना 7 करोड़ रुपए देती है जबकि उसी खेल में ग्रेड A के महिला खिलाड़ियों को सालाना महज 50 लाख रुपए मिलते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार विराट कोहली 1 साल में जितना कमाते हैं, मिताली राज उसका सिर्फ 7% ही कमाती है. वही मिताली जो सभी फॉर्मेट में 20000 रन बनाने वाली दुनिया की एकमात्र महिला हैं.

समस्या महिला क्रिकेट में ब्रॉडकास्टिंग को लेकर भी है. महिला क्रिकेट की ब्रॉडकास्टिंग पुरुषों की तुलना में बहुत कम होती है. इसका कारण यह दिया जाता है कि महिला क्रिकेट को स्पॉन्सर कम मिलते हैं. स्पोंसर्स न मिलने के पीछे फिर कारण है कि इनके दर्शक कम हैं, बात फिर घूम के वहीं आ जाती है, दर्शक कम इसलिए हैं क्योंकि ब्रॉडकास्टिंग कम है.

महिला क्रिकेट के स्तर को सही मायनों में ऊपर उठाना तो सिस्टम में व्याप्त तमाम खामियों पर ICC और MCC को ध्यान देने की जरूरत है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 23 Sep 2021,02:36 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT