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बीसीसीआई ने मोहम्मद शमी के खिलाफ लगे फिक्सिंग के आरोपों की जांच पूरी कर ली है. शमी की पत्नी ने जो उनपर फिक्सिंग के आरोप लगाए थे, उन्हें बीसीसीआई की जांच कमेटी ने गलत पाया है. बीसीसीआई एंटी-करप्शन कोड के तहत अब शमी की और ज्यादा जांच नहीं होगी और वो सभी आरोपों से बरी किए गए हैं.
इसी के साथ बीसीसीआई ने शमी को कॉन्ट्रैक्ट में शामिल कर लिया है. शमी को बी-ग्रेड में रखा गया है, जहां उनके साथ केएल राहुल, कुलदीप यादव, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पांड्या और युजवेंद्र चहल जैसे खिलाड़ी हैं. शमी को सालाना 3 करोड़ रुपए मिलेंगे.
शमी पर उनकी पत्नी हसीन जहां ने कई बड़े आरोप लगाए हैं. उनकी पत्नी ने शमी पर मारपीट, घरेलू हिंसा और मैच फिक्सिंग को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. सिर्फ शमी ही नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार के खिलाफ ही हसीन जहां पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुकी हैं.
एफआईआर में हसीन ने कहा था कि शमी ने खुद उनको भाई के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया था. हसीन की लिखित शिकायत के अनुसार, शमी और उनके परिवार पर भारतीय दंड सहिंता की धारा 498A (अत्याचार), 323, 307 (हत्या का प्रयास), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी), 328 (जहर खुरानी), 34 (कॉमन इंटेंशन) जैसी गंभीर धाराएं लगी हैं.
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