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भुवनेश्वर:एक सफेद गेंद के स्पेशलिस्ट से लेकर कंप्लीट गेंदबाज तक...

आज भुवनेश्वर सिर्फ स्विंग और सीम पर निर्भर नहीं हैं बल्कि उन्होंने अपने तरकश में कई और नुकीले तीर शामिल कर लिए हैं

अरुण गोपालकृष्णन
स्पोर्ट्स
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पिछले कुछ सालों में एक गेंदबाज के तौर पर भुवनेश्वर में बहुत तेजी से सुधार आया है.
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पिछले कुछ सालों में एक गेंदबाज के तौर पर भुवनेश्वर में बहुत तेजी से सुधार आया है.
(फोटो: The Quint)

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ज्यादा वक्त नहीं हुआ है उस दौर को जब भुवनेश्वर कुमार को सिर्फ सफेद गेंद का स्पेशलिस्ट माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने शुरुआती दिनों में चाहे पिच और हालात कैसे हों, गेंद को अच्छा स्विंग कराते थे. उन्हें एक रिदमिक गेंदबाज के तौर पर जाना जाने लगा. कई बार तो ऐसा हुआ जब उनकी गेंद बहुत ज्यादा ही स्विंग कर रही होती थी तो कप्तान उनसे खूब गेंदबाजी कराते थे. कई बार शुरुआती स्पेल्स में ही भुवनेश्वर के ओवर खत्म हो जाते थे. टी20 में तो कई बार भुवनेश्वर ने अपने 4 ओवर शुरुआत में ही खत्म कर दिए.

अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलुरू में भुवनेश्वर ने गेंदबादी की शुरुआत की. उन्होंने लगातार 4 ओवर फेंके और आखिर में उनका आंकड़े थे 4-0-9-3. पारी के शुरुआती 7 ओवर में ही उनका काम खत्म हो चुका था.

पिछले कुछ सालों में एक गेंदबाज के तौर पर भुवनेश्वर में बहुत तेजी से सुधार आया है. अब वो ऐसे गेंदबाज नहीं रहे जिसका एकमात्र हथियार स्विंग था और जो पिच से नमी के जाते ही बड़ा ही सामान्य सा गेंदबाज लगने लगता था.

आज की तारीख में भुवनेश्वर कुमार सिर्फ स्विंग और सीम पर निर्भर नहीं हैं बल्कि उन्होंने अपने तरकश में कई और नुकीले तीर शामिल कर लिए हैं. भुवी ने अपनी फिटनेस पर खूब काम किया है और उनकी पेस भी काफी बढ़ गई है. पहले 120 से 130 kph के बीच बॉलिंग करने वाले भुवनेश्वर अब लगातार 140 की स्पीड से गेंद करते हैं. कई बार तो वो 140 से ऊपर भी गेंद की स्पीड को ले जाते हैं. ‘नई गेंद के गेंदबाज’ के तमगे को पीछे छोड़ते हुए भुवनेश्वर अब आईपीएल में डेविड वॉर्नर के लिए डेथ ओवर्स के मुख्य गेंदबाज बन गए हैं. पिछले दो सीजन, जहां उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट लेने के लिए पर्पल कैप जीती वहां वो आखिरी ओवर में लगातार विकेट निकालते हैं और उनकी गेंदों पर रन बनाना बहुत ही मुश्किल होता है.

आईपीएल के पिछले दो सीजन में भुवनेश्वर ने किसी भी और गेंदबाज से डेथ ओवर्स में ज्यादा विकेट हासिल किए हैं- 31 विकेट और वो भी 8.70 के इकॉनमी रेट के साथ

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टेस्ट क्रिकेट में तो भुवनेश्वर तब भी बहुत विकेट निकालते हैं जब उनके कप्तान उन्हें दिन के बीच में स्पेल डालने के लिए बोलते हैं. लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में वो स्किडी बाउंसर और स्लो बाउंसर का बहुत अच्छे से इस्तेमाल करते हैं. वो मनचाहे वक्त पर यॉर्कर डालते हैं, साथ ही स्लो गेंद में उनकी अच्छी वैरिएशन है और नकल बॉल में तो उन्होंने महारथ हासिल कर ली है.

पर्दे के पीछे भुवनेश्वर ने अपनी गेंदबाजी पर काफी काम किया है. गेंदबाजी कोच भरत अरुण और अन्य सहयोगियों को भी बहुत सारा क्रेडिट जाता है जिन्होंने यूपी के इस पेसर के साथ खूब मेहनत की है. भुवनेश्वर अब एक संपूर्ण गेंदबाज बन चुके हैं और भारतीय क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा हैं. तभी तो जब साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन टेस्ट में उन्हें ड्रॉप किया गया तो हर एक कोने से कोहली के इस फैसले की आलोचना की गई.

रविवार को उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 में सिर्फ 24 रन देकर 5 विकेट झटक लिए. भुवनेश्वर कुमार अब भारत के पहले गेंदबाज बन गए हैं जिन्होंने क्रिकेट के हरएक फॉर्मेट में एक पारी में 5 विकेट लिए हों.

जोहन्सबर्ग के स्टेडियम में भुवनेश्वर कुमार ने शुरुआती स्पेल (3-0-19-2) में अच्छी गेंदबाजी कर साउथ अफ्रीका को पीछे धकेल दिया था. उसके बाद वो 18वें ओवर में गेंदबाजी करने आए और तीन विकेट झटककर साउथ अफ्रीका की हार तय कर दी.

टीम इंडिया 3 मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में साउथ अफ्रीका से 21 फरवरी को टकराएगी.

(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन  सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)

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Published: 19 Feb 2018,08:44 PM IST

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