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गुरूवार को जब भारत और श्रीलंका चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में आमने-सामने होंगे तो पिछले 30 महीनों में ये उनका आपस में पहला मुकाबला होगा. ये दोनों ही टीमें वैसे तो एक साथ खूब क्रिकेट खेलती हैं लेकिन हैरान करने वाली बात ये कि नवंबर 2014 के बाद से भारत और श्रीलंका वनडे क्रिकेट में आमने-सामने नहीं आए हैं.
इस वक्त टीम इंडिया बेहद शानदार फॉर्म है और आईसीसी रैंकिंग में अगर वो साउथ अफ्रीका का ताज छीन ले तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. टीम इंडिया के टॉप टीम साउथ अफ्रीका से सिर्फ 4 अंक कम हैं और वो रैंकिंग में तीसरे पायदान पर हैं वहीं श्रीलंका दुनिया में 7वें नंबर की टीम है.
श्रीलंका का हालिया प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. उनके पास टैलेंटेड खिलाड़ी तो हैं लेकिन वो टैलेंट फील्ड पर अपना जौहर नहीं दिखा पा रहा.
श्रीलंका की टीम लगभग 1 दशक तक भारतीय टीम पर भारी ही रही. आपको याद ही होगा कि 90 के दशक में किस तरह सनथ जयसूर्या, रोमेश कुलवितर्णा और अरविंद डिसिल्वा हमारे तेज गेंदबाजों की पिटाई लगाते थे. अर्जुन राणातुंगा और असंका गुरुसिन्हा ने लंबे समय तक भारतीय स्पिनर्स को खूब परेशान किया है. लेकिन, वो सब पुरानी बात है.
1996 की शुरुआत से लेकर 2008 तक इन दोनों ही टीमों के बीच कड़ी प्रतिद्वंदिता देखने को मिली. दोनों ही टीमों का एक दूसरे पर जीत-हार का रिकॉर्ड 50 % ही रहता था. लेकिन उसके बाद के सालों में भारत ने श्रीलंका पर बढ़त बनाते हुए करीब 65% मुकाबले अपने नाम किए.
2009 के बाद से भारत का श्रीलंका पर 28-13 का जीत-हार का रिकॉर्ड है. ये दिखाता है कि श्रीलंका हालिया सालों में कितनी कमजोर टीम साबित हुई.
अगर पाकिस्तान के खिलाफ मैच के बाद कोई खिलाड़ी सबसे ज्यादा राहत महसूस कर रहा होगा तो वो है विराट कोहली. पिछले कुछ महीने बैटिंग के लिहाज से विराट के लिए काफी कठिन रहे.
उनकी फॉर्म खराब थी, चोटिल थे साथ ही कुछ विवाद भी उनके कदम से कदम मिला रहे थे. हालांकि उन सभी मुद्दों को पीछे छोड़ते हुए टूर्नामेंट के पहले ही मैच में विराट ने 81 रनों की शानदार पारी खेली. इस मैच में विराट अपने सबसे पसंदीदा विरोधी के खिलाफ उतरेंगे. वनडे क्रिकेट में विराट कोहली ने अपने करियर के सबसे ज्यादा रन श्रीलंका के खिलाफ ही बनाए हैं.
श्रीलंका सचमुच घबरा रहा होगा कि कहीं विराट एक और बड़ा स्कोर न बना दें. लंका के खिलाफ पिछले 3 मुकाबलों में विराट ने 139*, 66 और 53 रनों की पारियां खेली हैं.
ऐसा अनुमान है कि श्रीलंका के खिलाफ टीम इंडिया अपनी प्लेइंग XI में एक बदलाव कर सकती है. किसी एक पेस बॉलर को बैठा कर ऑफ स्पिनर आर. अश्विन को मौका दिया जा सकता है. श्रीलंका के खिलाफ अश्विन का वनडे क्रिकेट में रिकॉर्ड काफी अच्छा है साथ ही श्रीलंका की टीम में 2,3 बाएं हाथ के बल्लेबाजों की मौजूदगी भी टीम में उनकी जगह बनाती है. साथ ही ओवल की पिच बाकी दोनों वेन्यू से ज्यादा स्पिनर्स के लिए ज्यादा मददगार है. ऐसे में विराट कोहली और अनिल कुंबले इस ऑफ स्पिनर को खिलाने के बारे में सोच सकते हैं.
एक खिलाड़ी जो भारत श्रीलंका के मैच से पहले थोड़ा घबरा रहा होगा वो है लसिथ मलिंगा. मलिंगा का भारत के खिलाफ प्रदर्शन बहुत ही साधारण सा रहा है साथ ही आईपीएल में मलिंगा को खेल खेलकर भारतीय बल्लेबाज उनके आदी हो चुके हैं.
अगर मलिंगा के बॉलिंग स्ट्राइक रेट पर नजर डाली जाए तो भारत के खिलाफ वो बहुत ही खराब है. मलिंगा जहां दुनिया की बाकी 8 टेस्ट प्लेइंग टीमों के खिलाफ हर 31 गेंदों पर विकेट लेते हैं तो वहीं भारत के खिलाफ उन्हें 7 ओवर से ज्यादा गेंदबाजी करने पर ही एक विकेच मिल पाता है.
मलिंगा भारत के खिलाफ रन भी बहुत देते हैं. टीम इंडिया के खिलाफ उनका स्ट्राइक रेट 6 के आस पास है तो वहीं दूसरी टीमों के खिलाफ वो 5.18 का ही है. श्रीलंका को उम्मीद तो होगी ही कि मलिंगा इस मैच में कुछ कमाल दिखा पाएं.
श्रीलंका के नियमित कप्तान एंजेलो मैथ्यूज लंबे समय से चोट के चलते टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं ऐसे में टीम को एक परमानेंट नेतृत्व न मिल पाने की वजह से भी खासी परेशानी हुई है. एंजेलो मैथ्यूज श्रीलंका के पिछले 49 मैचों में से एक तिहाई मैच नहीं खेल पाए हैं.
पिछले 28 महीनों में श्रीलंका के 4 अलग-अलग कप्तान रहे हैं और लीडरशिप की कमी ने टीम की परफॉर्मेंस पर बुरा असर डाला है.
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