advertisement
भारत में फिलहाल रणजी ट्रॉफी का शुरुआती दौर चल रहा है और भारतीय क्रिकेट टीम के कई नियमित सदस्यों के साथ ही घरेलू क्रिकेट के कई बड़े खिलाड़ियों पर भी नजरें बनी है. लेकिन जैसे हर सीजन में एक युवा खिलाड़ी सबका ध्यान खींचता है, ऐसा ही कुछ इस बार भी हो रहा है.
ये खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के जाने पहचाने अड्डों से नहीं बल्कि एक ऐसी जगह से है, जो राजनीतिक कारणों से पूरे साल चर्चा में रहता है.
18 साल के अब्दुल समद ने जम्मू और कश्मीर की रणजी टीम के युवा सदस्य हैं. लेकिन अब तक हुए सिर्फ 4 मैचों में ही समद ने ऐसा प्रदर्शन किया है कि उनका नाम अब क्रिकेट फैंस की जुबान पर आने लगा है.
जरा इन आंकड़ों पर नजर डालिए-
जम्मू और कश्मीर का ये नया नाम इस साल इंडियन प्रीमियर लीग में भी अपना जलवा बिखेरता दिख सकता है, क्योंकि सनराइजर्स हैदराबाद ने इस युवा बल्लेबाज को अपनी टीम में शामिल किया है.
लेकिन कश्मीर के माहौल के बीच समद का क्रिकेट सीखना और फिर उसे पहचानने और तराशने की भी एक कहानी है और उसका एक अहम हिस्सा हैं पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान.
भारत के हर हिस्से में मोहल्ला क्रिकेट की अपनी खास जगह है. हर छोटे से बड़ा क्रिकेटर अपने मोहल्ले में ही पहली बार बल्ला घुमाना या गेंद को टप्पा देना सीखता है. फिर कोई आजाद मैदान की कोचिंग में जाता है, तो कोई शहर के क्रिकेट क्लब्स में जाकर खुद को निखारता है.
समद की शुरुआत भी कुछ ऐसी ही रही. समद ने अपने भाई के साथ गली क्रिकेट खेलना शुरू किया और फिर वहीं से कदम आगे बढ़ाए.
क्रिकट्रैकर को एक दिए एक इंटरव्यू में समद ने बताया,
इसके बाद समद ने जम्मू और कश्मीर की टीम के लिए U-16 और U-19 क्रिकेट भी खेला.
जूनियर स्तर पर तो समद लगातार रन बना रहे थे लेकिन सीनियर लेवल पर खेलने के लिए उनका सेलेक्शन जरूरी था. करीब 2 साल पहले जम्मू-कश्मीर टीम के लिए हो रहे ट्रायल के दौरान इरफान ने समद को पहली बार खेलते देखा.
इरफान ने समद की बल्लेबाजी का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए लिमिटेड फॉर्मेट में उन्हें ओपनिंग के लिए कहा, जबकि रणजी ट्रॉफी के लिए उन्हें मिडिल ऑर्डर में बैटिंग के लिए भेजा.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इरफान ने कहा,
इरफान ने समद की तारीफ करते हुए कहा कि सिर्फ 4 मैचों में उसने 70 गेंदों में शतक जड़कर अपनी काबिलियत दिखा दी है.
बीते साल 19 दिसंबर को कोलकाता में हुई IPL 2020 की नीलामी में समद को सनराइजर्स हैदराबाद ने उनके बेस प्राइस 20 लाख रुपये में ही खरीद लिया. इसके बाद से ही समद का नाम फैंस की जुबान पर आ गया था.
समद ने भी इस बात को माना और कहा भी कि IPL के लिए चुने जाने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा और जिस तरह से उन्होंने असम और झारखंड के खिलाफ खेला उसमें नए IPL कॉन्ट्रेक्ट की भी भूमिका है.
समद के पिता खुद क्लब लेवल के क्रिकेटर रह चुके हैं और साथ ही वॉलीबॉल भी खेल चुके हैं. समद फीजिकल एजुकेशन के टीचर हैं. उन्होंने हमेशा अपने बेटे के सपने को पूरा करने में मदद की.
IPL के लिए समद के चुने जाने पर पिता मोहम्मद फारुख ने कहा,
उन्होंने कहा कि अगर अब्दुल इस स्तर तक पहुंच सकता है तो कश्मीर के कई और बच्चे भी यहां तक पहुंच सकते हैं.
वहीं समद की मां फरजाना कौसर IPL में चुने जाने की खुशी बयान करते हुए कहती हैं कि सब लोग उस दिन टीवी पर नीलामी देख रहे थे और उम्मीद कर रहे थे कि उसे चुन लिया जाए.
फरजाना कौसर की एक ख्वाहिश तो पूरी हो गई है, अब उनको दूसरी ख्वाहिश के पूरा होने का इंतजार है और वो है- ‘समद एक दिन भारतीय टीम के लिए खेले.’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)