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बेल्स का कमाल, अंपायरिंग पर सवाल और बवाल: ऐसा रहा IPL का ये साल

हर सीजन की तरह IPL का 12वां सीजन भी कई मजेदार मौके और कुछ विवाद लेकर आया

सुमित सुन्द्रियाल
क्रिकेट
Published:
(फोटोः IPL)
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(फोटोः IPL)

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23 मार्च से शुरू हुआ इंडियन प्रीमियर लीग का 12वां सीजन खत्म होने को है. अब सिर्फ प्लेऑफ के मैच बचे हुए हैं. हर बार की तरह इस बार भी लीग में चेन्नई और मुंबई का दबदबा रहा, जबकि दिल्ली ने नाम बदलने के साथ ही अपना गेम भी बदला और 6 साल बाद प्लेऑफ में पहुंचे हैं.

इंडियन प्रीमियर लीग का 12वां सीजन भी अपने पिछले 11 सीजन की तरह ही रहा है- बेहतरीन मैच, आखिरी बॉल की फिनिशिंग, सुपर ओवर, कुछ हैरतंगेज कैच और कुछ विवाद.

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बेल्स बेचारी, विकेट पर भारी

स्टंप्स के ऊपर रखे 2 टुकड़े कभी इतने बदनाम नहीं हुए, कभी उनका इतना मजाक नहीं उड़ा, जितना इस आईपीएल के इस सीजन में हुआ. हालांकि इसकी जिम्मेदार खुद ये बेल्स हैं. इतनी मेहनत से कोई गेंदबाज या फील्डर विकेट पर बॉल मार पाता है, लेकिन बेल्स गिरने को राजी ही नहीं.

चेन्नई vs राजस्थान, 31 मार्च

चेन्नई ने सिर्फ 27 रन पर अपने 3 विकेट गंवा दिए थे. कप्तान धोनी क्रीज पर आए. छठवें ओवर में जोफ्रा आर्चर की तीसरी बॉल को धोनी ने आराम से डिफेंड किया, लेकिन बॉल लुढकते हुए स्टंप से टकरा गई लेकिन बेल्स नहीं गिरीं. इनिंग में धोनी की ये दूसरी ही बॉल थी. अगली 44 बाल में धोनी ने 75 रन ठोक दिए. नतीजा राजस्थान की हार.

चेन्नई vs पंजाब, 6 अप्रैल

चेन्नई में हुए इस मैच में पंजाब की पारी के 13वें ओवर में केएल राहुल ने स्वीप शॉट खेलने की नाकाम कोशिश की और रन लेने के चक्कर में क्रीज से काफी बाहर आ गए, लेकिन धोनी उनसे ज्यादा फुर्तीले निकले और बॉल विकेट पर मार दी, लेकिन...बेल्स यहां भी नहीं गिरी और केएल राहुल ने अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की.

राजस्थान vs कोलकाता, 7 अप्रैल

एक बार फिर शिकार हुई राजस्थान रॉयल्स. कोलकाता के खिलाफ मैच के दौरान क्रिस लिन के बैट का अंदरूनी किनारा लेकर गेंद विकेट से टकराई, लेकिन इस बार भी बेल्स नहीं गिरी. उस वक्त लिन सिर्फ 13 रन पर खेल रहे थे. उन्होंने हाफ सेंचुरी लगाई और कोलकाता ने ये मैच जीत लिया.

राजस्थान vs दिल्ली, 22 अप्रैल

राजस्थान और बेल्स का इस IPL में अच्छा रिश्ता नहीं रहा. दिल्ली का स्कोर जब 150 रन था, जोफ्रा आर्चर की तेज फुलटॉस गेंद सीधे विकेट पर लगी, लेकिन इस बार भी बेल्स नहीं गिरी और शॉ नॉट आउट रहे.

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अंपायरिंग पर सवाल

बेल्स की तरह इस बार अंपायरों के फैसलों ने काफी विवाद खड़े किए. नतीजा, अंपायरिंग के स्तर पर सवाल उठने लगे.

बैंगलोर vs मुंबई, 28 मार्च

इस मैच में सबसे पहले अंपायरिंग को लेकर बड़ा बवाल हुआ. मुंबई के खिलाफ बैंगलोर को आखिरी बॉल पर 7 रन की जरूरत थी. मलिंगा के इस ओवर की आखिरी बॉल पर सिर्फ एक रन आया. मैच खत्म होने के बाद स्टेडियम की स्क्रीन पर दिखा कि ये नो बॉल थी, लेकिन ग्राउंड अंपायर और टीवी अंपायर किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया.

विराट कोहली ने इसके बाद अंपायरिंग पर सवाल उठाते हुए कहा भी “ये कोई क्लब क्रिकेट नहीं है. अंपायर को अपनी आंखें खुली रखनी चाहिए”
नो बॉल को लेकर विराट कोहली मैच के बाद बेहद नाराज दिखे(फोटोः IPL)

राजस्थान vs चेन्नई, 11 अप्रैल

आखिरी ओवर में चेन्नई को जीत के लिए 18 रन की जरूरत थी. बेन स्टोक्स की पांचवी बॉल फुलटॉस थी, जिसे सैंटनर ने खेला. सेंट्रल अंपायर ने इसे नोबॉल दिया, लेकिन स्क्वेयर लेग अंपायर ने इसे नो बॉल नहीं दिया. इसको लेकर भी विवाद हुआ.

सैंटनर ने आखिरी बॉल पर छक्का मारकर चेन्नई को जीत दिलाई(फोटोः IPL)

बैंगलोर vs पंजाब, 24 अप्रैल

इस मैच में एक अजीब वाकया हुआ. आरसीबी की पारी के 14वें ओवर के बाद स्ट्रैटेजिक टाइम आउट लिया गया. इस बीच अंपायर ने शम्सुद्दीन ने बॉल अपनी जेब में रख ली. टाइम आउट खत्म होने के बाद जब मैच दोबारा शुरु हुआ तो गेंदबाज बॉल ढूंढते रह गए. फोर्थ अपांयर से नई बॉल मंगवाई गई, लेकिन बाद में अंपायर को जब याद आई, तो सब हंसते रह गए.

बैंगलोर vs हैदराबाद, 4 मई

सीजन में बैंगलोर को आखिरी मैच में भी खराब अंपायरिंग का सामना करना पड़ा. हैदराबाद की पारी के 20वें ओवर में उमेश यादव की पांचवी बॉल को अंपायर ने नो बॉल करार दिया, जबकि रिप्ले में साफ था कि उमेश का पैर क्रीज के अंदर था. इसको लेकर विराट कोहली की अंपायर से बहस भी हुई.

इस सीजन में दूसरी बार बैंगलोर को खराब अंपायरिंग का सामना करना पड़ा(फोटोः IPL)

थोड़ा बहुत बवाल

विवाद के बिना IPL अधूरा ही है. हर सीजन में छोटा बड़ा कोई न कोई विवाद होता ही रहा है. इस बार भी कोई कमी नहीं रही.

अश्विन का मैनकेडिंग

सीजन के चौथे ही मैच में सीजन का सबसे बड़ा विवाद सामने आया. पंजाब के खिलाफ लक्ष्य का पीछा कर रही राजस्थान की टीम अच्छी स्थिति में थी. इस बीच पंजाब के कप्तान आर अश्विन ने जॉस बटलर को ‘मैनकेडिंग’ के जरिए आउट कर दिया. यहां से मैच का रुख पलट गया और पंजाब ने राजस्थान को हरा दिया, लेकिन विवादास्पद नियम एक बार फिर चर्चा में आ गया. कई पूर्व खिलाड़ियों और फैंस ने अश्विन के इस हरकत को खेल भावना के खिलाफ बताया. हालांकि अश्विन ने इसे नियमों के दायरे में बताते हुए खुद का बचाव किया.

अश्विन ने अपने एक्शन को क्रिकेट के नियमों के दायरे में बताया.(फोटोः IPL)

धोनी का वो रूप

धोनी का ये रूप क्रिकेट की दुनिया ने पहली बार देखा. राजस्थान के खिलाफ मैच के दौरान आखिरी ओवर में राजस्थान को जीत के लिए आखिर 2 बॉल पर 7 रन की जरूरत थी. बेन स्टोक्स की फुलटॉस गेंद को सैंटनर सही से नहीं खेल पाए.

सेंट्रल अंपायर ने इसे नो बॉल दिया लेकिन स्क्वेर लेग अंपायर ने फैसला बदल दिया. इससे नाराज धोनी मैदान में घुस गए. गुस्से में मैदान में घुसे धोनी ने अंपायरों से काफी देर तक बहस की.
धोनी ने काफी देर तक मैदान पर अंपायरों से बहस की(फोटोः IPL)

धोनी के इस रूप की सभी ने आलोचना की. यहां तक की धोनी पर मैच बैन लगाने की भी मांग की गई. हालांकि धोनी को सिर्फ 50 पर्सेंट मैच फीस का जुर्माना लगाया गया.

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