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भारत और अफगानिस्तान जब वर्ल्ड कप में भिड़ेंगे तो ऐसा मैच होगा, ये किसी ने भी नहीं सोचा होगा. ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका जैसी टीमों को पानी पिला देने वाली भारतीय टीम को अफगानिस्तान के खिलाफ इतना संघर्ष करना पड़ेगा, ये खयाल तो किसी के भी दिमाग में नहीं आया होगा.
लेकिन क्रिकेट की खासियत यही है कि ये किसी खयाल या लोगों की उम्मीद के हिसाब से नहीं खेला जाता, बल्कि मैदान में अच्छे प्रदर्शन के साथ खेला जाता है.
भारत और अफगानिस्तान इससे पहले 2018 में एशिया कप के ग्रुप स्टेज में भिड़े थे और उससे भी पहले 2014 के एशिया कप में. 2014 में तो भारत ने जीत दर्ज कर ली थी, लेकिन 2018 में ज्यादा बेहतर हो चुकी अफगान टीम ने भारत को टाई के लिए मजबूर कर दिया था. हालांकि उस भारतीय टीम में ज्यादातर दिग्गज नहीं थे.
कप्तान विराट कोहली ने जरूर दिखाया कि कैसे दबाव में होकर भी पॉजिटिव बल्लेबाजी की जा सकती है, लेकिन असली कप्तानी तो दिखी गेंदबाजी के दौरान.
शमी और बुमराह ने अच्छी शुरुआत दिलाई लेकिन फिर अफगानिस्तान ने भी कड़ी टक्कर दी और छोटी-छोटी पार्टनरशिप की.
आखिरी ओवरों में मोहम्मद नबी की दिलेर बैटिंग और फिर 50वें ओवर में शमी की हैट्रिक ने इस मैच को उसी नतीजे पर खत्म किया, जिसकी सबने शुरुआत में उम्मीद लगाई थी.
हालांकि, इस मैच को रोमांचक बनाने में सबसे बड़ा रोल अफगानिस्तान की अच्छी गेंदबाजी का है और इसके लिए पूर्व क्रिकेटरों से लेकर फैंस तक ने उनकी खूब तारीफ की.
भारतीय टीम 4 जीत के बाद 9 प्वाइंट्स हासिल कर चुकी है और टेबल में तीसरे नबंर पर पहुंच चुकी है. भारत का अगला मैच 27 जून को वेस्टइंडीज के खिलाफ है. अफगानिस्तान की ये लगातार छठवीं हार है और टीम का अगला 24 जून को बांग्लादेश के खिलाफ होगा.
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