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गांव-कस्बे में कहावत है कि “पिट-पिट कर ही आदमी पक्का होता है” यानी जितनी बार शरीर को चोट पहुंचती है उतनी ही बार वो और ज्यादा मजबूत होता है. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व महान बल्लेबाज और दुनिया के सबसे कामयाब कप्तानों में से एक रिकी पॉन्टिंग के लिए ये कहावत बिल्कुल ठीक बैठती है. रिकी पॉन्टिंग को क्रिकेट फील्ड पर सबसे ज्यादा जिगर वाले खिलाड़ियों में से गिना जाता है. जरा अंदाजा लगाइए कि एक युवा बल्लेबाज बिना हेल्मेट पहने ही 150kph की स्पीड वाले गेंदबाज को खेलने मैदान पर उतर जाए. और सिर्फ इतना ही नहीं, जबड़े पर गेंद लगने के बाद भी हेल्मेट न पहने. ऐसे ‘पक्के दिल’ वाले बल्लेबाज थे रिकी पॉन्टिंग जो मंगलवार को अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया को अपने दम पर दो वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान पॉन्टिंग को शॉर्ट गेंद पर पुल करना बहुत अच्छा लगता था. पॉन्टिंग के खिलाफ गेंदबाज शॉर्ट गेंद करने से कतराते थे क्योंकि उनका बल्ला ऐसी गेंदों को बाउंड्री पार भेजने के लिए बहुत तेज चलता था. लेकिन एक बात जो बेहद दिलचस्प है वो ये कि पॉन्टिंग ने शॉर्ट गेंद पर ही सबसे ज्यादा चोट खाई है. अपने 17 साल के करियर में पॉन्टिंग ने कई बार मुंह पर गेंद खाई है. एक बार तो इंग्लैंड के स्टीव हार्मिसन ने उन्हें लहूलुहान ही कर दिया था.
भारतीय गेंदबाजों में से जवागल श्रीनाथ ने उनका जबड़ा हिलाया है लेकिन मुंह पर गेंद खाने के बाद भी जब आप पॉन्टिंग के आक्रामक हावभाव देखेंगे तो तारीफ करने से नहीं चूकेंगे.
वहीं दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर भी पॉन्टिंग के सिर पर गेंद मार चुके हैं.
यानी पॉन्टिंग के खूबसूरत चेहरे पर कई गेंदबाजों ने अपनी छाप लगाई है लेकिन अपने बल्ले के जरिए कितने गेंदबाजों को पॉन्टिंग ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है उसकी लिस्ट कुछ ज्यादा ही लंबी है.
पंटर के नाम से मशहूर रिकी को टेस्ट क्रिकेट ऑल टाइम महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है. सन 2000 से लेकर 2007 तक की महान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का नेतृत्व रिकी पॉन्टिंग ने ही किया है. अब तक तो आपने शॉर्ट गेंद पर उनके चेहरे को लाल-पीला होते हुए वीडियो देखे. अब मजा लीजिए उनके शानदार पुल और हुक शॉट्स का.
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