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पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया के साथ उनके धर्म के आधार पर टीम में होने वाले भेदभाव पर भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. गंभीर ने कहा कि जिस देश के प्रधानमंत्री खुद एक पूर्व क्रिकेटर रह चुका है, वहां खिलाड़ी के साथ ऐसा टॉर्चर होना सही नहीं है.
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने एक टीवी शो के दौरान खुलासा किया था कि उनके साथी खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने पक्षपातपूर्ण बर्ताव किया और उसके साथ खाना भी नहीं खाते थे क्योंकि वह हिंदू था.
पूर्वी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और टीम इंडिया के पूर्व ओपनर रहे गंभीर ने कहा कि ये पाकिस्तान की सच्चाई है, जबकि भारत में अजहरुद्दीन जैसे खिलाड़ियों को लंबे समय तक कप्तान बनाया गया.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें हमेशा से ही दुनिया में बड़ा मुद्दा रहा है. हालांकि पाकिस्तान इससे इंकार करता रहा है, लेकिन दानिश कनेरिया के मसले ने इस पर फिर से उठा दिया है.
इस पर ही गंभीर ने कहा कि आम अल्पसंख्यकों का वहां क्या हश्र होगा. गंभीर ने कहा- “अगर खिलाड़ियों के साथ ऐसा कर सकते हैं, तो सोचिए हिंदू, सिख और ईसाई जैसेअल्पसंख्यकों पर क्या बीतती होगी.”
उन्होंने याद दिलाया कि टीम इंडिया में सालों से कई अल्पसंख्यक खिलाड़ी हिस्सा रहे हैं और उन्हें हमेशा ही सम्मान मिला है.
शोएब के खुलासे के बाद एक बयान में कनेरिया ने कहा था कि उनका जीवन सही नहीं चल रहा है और यही कारण है कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से गुजारिश करते हैं कि वह इस मुश्किल हालात से निकलने में उनकी मदद करें.
गंभीर ने भी दानिश की बात का समर्थन किया और कहा कि इमरान खान प्रधानमंत्री से पहले एक क्रिकेटर हैं और उन्हें मदद करनी चाहिए.
दाएं हाथ के लेग स्पिनर कनेरिया ने 2000 से 2010 के बीच पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट खेले. इस दौरान उन्होंने अपनी टीम के लिए 261 विकेट लिए. वह पाकिस्तान के लिए खेलने वाले दूसरे हिंदू खिलाड़ी हैं. इससे पहले अनिल दलपत पाकिस्तान के लिए खेले थे, जो कनेरिया के चाचा थे. वह 1980 के दशक में बतौर विकेटकीपर पाकिस्तान के लिए खेले थे.
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