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दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) की रविवार 29 दिसंबर को हुई वार्षिक आम बैठक (AGM) में ज्वाइंट सेक्रेटर राजन मनचंदा के साथ एपेक्स काउंसिल के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर गलत व्यवहार किया गया. DDCA के सेक्रेटरी विनोद तिहारा चाहते हैं कि लोकपाल जस्टिस दीपक वर्मा इस मामले को देखें और अपना फैसला दें.
रविवार को हुई इस घटना के बाद सोमवार 30 दिसंबर को तिहारा ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि जिस तरह से प्रशासकों की छवि को खराब करने के लिए तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है, वो दुखद है.
उन्होंने कहा, "यहां तक कि जब BCCI द्वारा जारी किया गया फंड हमारे पास आया तो हमने उन्हें क्रिकेट से संबंधित गतिविधियों, स्टाफ का वेतन देने, रोजमर्रा के खर्चे में ही इस्तेमाल किया. आप खुद इस बात को देख सकते हैं."
पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने संघ को भंग करने की बात कही थी, लेकिन तकनीकी रूप से यह मुमकिन नहीं है क्योंकि डीडीसीए कंपनी अधिनियम के अंतर्गत आता है. तिहारा ने वहीं कहा है कि वह मुद्दे को साफ तौर पर पेश करने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा,
मीडिया समिति के चेयरमैन अपूर्व जैन ने भी तिहारा की बात का समर्थन किया है और कहा है, "हमें तथ्यों से परेशानी नहीं है, लेकिन किसी को उन्हें गलत तरीके से पेश नहीं करना चाहिए."
निदेशक संजय भारद्वाज ने कहा है कि लोकपाल को अगले कुछ दिनों में पूरी जानकारी मुहैया कराई जाएगी और इसके बाद वो उस पर फैसला ले सकते हैं.
उन्होंने कहा, "सभी तरह के सबूत उन्हें उपलब्ध कराएं जाएंगे और इसके बाद ही आपको पता चलेगा कि क्या हुआ है और पूरी स्थिति में से क्या निकाला गया है. लोकपाल जल्द से जल्द इसे देख सकते हैं. इसके लिए तारीख क्या होगी यह तय करना गलत होगा, लेकिन दो सप्ताह के अंदर फैसला लिया जा सकता है."
तिहारा ने साथ ही कहा कि अगले अध्यक्ष के लिए चुनाव फरवरी अंत या मार्च की शुरुआत तक हो सकते हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि अगर गंभीर लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक अध्यक्ष पद के काबिल होते हैं तो उन्हें पूर्व बल्लेबाज के साथ काम कर अच्छा लगेगा.
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