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इंडियन प्रीमियर लीग का 12वां सीजन खत्म होने को है. रविवार 12 मई को हैदराबाद में एक बार फिर आईपीएल की ट्रॉफी हवा में लहराई जाएगी और साथ में होगा जबरदस्त जश्न. हर सीजन का अंत कुछ ऐसे ही तो होता है. इस बार भी यही सब होगा. बस ये पता करना है कि लीग पर पीले रंग का खुमार छाएगा या नीला जादू चलेगा?
पिछले कई फाइनल्स की तरह एक बार फिर फाइनल में टकराएंगी लीग की दो सबसे फेवरिट और सबसे सफल टीमें- मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स.
आईपीएल के पिछले सभी सीजन पर गौर फरमाया जाए, तो एक ही कहानी सामने आती है- फाइनल में या तो चेन्नई होगी या मुंबई या फिर ये दोनों. आईपीएल के पिछले 11 सीजन में सिर्फ तीन बार ही ऐसा हुआ है, जब फाइनल में इन दोनों में से कोई भी टीम नहीं पहुंची हो.
इससे लीग पर इन दोनों टीमों के प्रभुत्व का पता चलता है. बात सिर्फ फाइनल तक पहुंचने की ही नहीं है, बल्कि उसे जीतने की भी है. इस मामले में फिर से ये दोनों टीम लीग की सबसे सफल टीम हैं. दोनों ने तीन-तीन बार खिताब जीता है. मुंबई ने सबसे पहले बार ये खिताब जीता, जबकि चेन्नई ने पिछले सीजन में ही हैट्रिक पूरी की.
सिर्फ इतना ही नहीं, दोनों टीमें IPL के इतिहास की सबसे ज्यादा मैच भी जीते हैं. शुक्रवार को दूसरे क्वालीफायर में दिल्ली कैपिटल्स को हराकर चेन्नई ने आईपीएल में 100 जीत पूरी की. इससे पहले मुंबई भी इसी सीजन में 100 मैच जीतने वाली पहली टीम बनी थी.
इन दोनों टीमों को आईपीएल में अपने प्रदर्शन के कारण खास दर्जा हासिल है. इसलिए ही इन दोनों टीमों के मैच अक्सर सबसे ज्यादा उत्सुकता से देखे जाते हैं.
दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई का आईपीएल में लगभग सभी टीमों के खिलाफ प्रदर्शन बेहतरीन है. बस मुंबई के आगे टीम को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा है.
इस सीजन में भी मुंबई ने चेन्नई के खिलाफ 3 मैच खेले हैं और तीनों बार मुंबई को जीत मिली है. मुंबई के सामने तीनों मैच में चेन्नई बेबस नजर आई है. चेन्नई का सबसे बड़ा स्कोर मुंबई के खिलाफ पहले मैच 133 रन रहा, जबकि दूसरे लीग मैच में टीम सिर्फ 109 रन पर ढेर हो गई थी. पहले क्वालीफायर में भी चेन्नई सिर्फ 131 रन ही बना पाई थी.
बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती. रविवार को होने वाला फाइनल आईपीएल के इतिहास में इन दोनों टीमों के बीच चौथा फाइनल होगा. ये भी आईपीएल का एक रिकॉर्ड है. इनसे ज्यादा कोई भी टीम एक दूसरे से फाइनल में नहीं भिड़ी हैं. यहां भी मुंबई ने चेन्नई पर बाजी मारी है.
इसलिए रविवार का मैच न सिर्फ सबसे ज्यादा बार लीग का खिताब जीतने का मौका है, बल्कि दोनों कप्तानों के पास रिकार्ड बदलने का मौका भी है. धोनी, मुंबई के खिलाफ अपना रिकॉर्ड सुधारना चाहेंगे, जबकि रोहित, चेन्नई के खिलाफ फाइनल में क्लीन स्वीप करने की कोशिश करेंगे.
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