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14 जुलाई 2019 को इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को एक विवादास्पद नियम की मदद से मात देकर आईसीसी वर्ल्ड कप-2019 का खिताब अपने नाम कर लिया था. अब तीन महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने इंग्लैंड को पहली बार क्रिकेट का वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले नियम को खत्म करने का फैसला किया है. वर्ल्ड कप 2019 के रोमांच फाइनल में विजेता का फैसला बाउंड्री काउंट नियम से हुआ था, जिसके तहत सबसे ज्यादा बाउंड्री मारने वाली टीम विजेता घोषित होती है.
आईसीसी के टूर्नामेंट्स (वनडे) में नॉकआउट मैचों मे सुपर ओवर का नियम है. टी20 क्रिकेट में सामान्य मैच में भी टाई की स्थिति में सुपर ओवर का नियम है, लेकिन वनडे मैचों में ऐसा नहीं है. ऐसे में नॉकआउट मैचों के टाई की स्थिति में सुपर ओवर का नियम लागू किया जाता है.
लेकिन आईसीसी ने व्यवस्था की थी कि अगर किसी नॉकआउट मैच में स्कोर टाई होने के बाद सुपर ओवर में भी दोनों टीमें बराबर स्कोर करती हैं, तो फैसला बाउंड्री काउंट नियम से होता था. इसके तहत जिस भी टीम ने पूरे मैच में (सुपर ओवर मिलाकर) सबसे ज्यादा बाउंड्री स्कोर की होंगी, वो विजेता घोषित होती थी.
न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 241 रन बनाए थे. लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की पूरी टीम आखिरी गेंद पर 241 रन पर ऑल आउट हो गई. मैच टाई रहा और फिर फैसला सुपर ओवर से हुआ. सुपर ओवर के नियम के तहत जिस टीम ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी की, उसे ही पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है. सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने 15-15 रन बनाए और वो भी टाई रहा.
इस तरह इंग्लैंड ने मुख्य पारी और सुपर ओवर में लगाई गई ज्यादा बाउंड्री के आधार पर मैच जीतकर वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया था.
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