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इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज का ऐलान होते ही भारतीय फैंस को उम्मीदें थीं कि इस बार भारत इंग्लैंड को हराकर एक बार फिर इतिहास रचने का काम करेगा. पहला टेस्ट मैच बारिश में धुल गया, लेकिन लॉर्ड्स में हुए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने सभी की उम्मीदों को और ज्यादा बढ़ा दिया. इसके बाद टीम इंडिया भी पूरे आत्मविश्वास के साथ तीसरे टेस्ट मैच के लिए उतरी, लेकिन अबकी बार ताश के पत्तों की तरह ढह गई. पूरी टीम महज 78 रन के स्कोर पर ही ऑल आउट हो गई.
जब मैच शुरू होने से पहले सिक्का उछला तो भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया. क्योंकि टीम इंडिया ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था, इसीलिए सभी ने इस फैसले की तारीफ की.
लेकिन जब इंग्लैंड के तेज और घातक गेंदबाज जेम्स एंडरसन के हाथों से गेंद निकलनी शुरू हुई तो भारतीय बल्लेबाजी लड़खड़ाने लगी. एंडरसन ने केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट कोहली को खड़े होने का मौका तक नहीं दिया.
खास बात ये रही कि टीम इंडिया के ये चार टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज स्टंप्स के पीछे ही लपके गए. सभी का कैच विकेट कीपर जॉस बटलर ने लिया. इसके बाद रोहित शर्मा और ऋषभ पंत से टीम को उम्मीदें थीं, लेकिन पंत को रॉबिन्सन ने 2 रन से ज्यादा स्कोर नहीं बनाने दिया. उन्हें भी विकेट के पीछे ही लपका गया. पंत के बाद रोहित शर्मा भी 105 गेंदों में 19 रन बनाकर आउट हो गए.
इंग्लैंड की तरफ से जेम्स एंडरसन और ओवरटर्न ने 3-3 विकेट लिए, वहीं रॉबिन्सन और सैम करन ने 2-2 विकेट लेकर अपनी टीम की मदद की. लेकिन सबसे पहले एंडरसन ने टीम इंडिया की कमर तोड़कर रख दी. जिसके बाद बाकी गेंदबाजों ने भी उनका पूरा साथ दिया.
टीम इंडिया के लिए तीसरे टेस्ट की शुरुआत खराब रही, लेकिन कप्तान विराट कोहली के लिए तो कई महीनों से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि रनों की बौछार करने वाले कोहली के बल्ले से पिछली 50 इंटरनेशनल पारियों में एक भी शतक नहीं निकला है. फिलहाल इंग्लैंड दौरे में भी उनका बल्ला शांत है, यानी विराट कोहली के शतक का सूखा अब तक खत्म नहीं हुआ है. अपने करियर के खराब दौर से गुजर रहे कोहली ने आखिरी बार करीब 21 महीने पहले अपना शतक जड़ा था.
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