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भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबला हमेशा ही गरमा-गरम होता है. दोनों देशों में भावनाओं की सुनामी आ जाती है. जीत की उम्मीद में फैन्स जितना प्यार दिखाते हैं, हारने पर उन्माद का उफान भी उतना ही आता है. लेकिन इस बार वर्ल्ड कप के मैच में भारत से हारने के बाद पाकिस्तानी टीम के साथ जो-जो हो रहा है, वो क्रिकेट का खेल खराब करने जैसा है.
भारत से मिली हार के बाद हल्ला उठा कि पाकिस्तानी टीम मैच से पिछली रात बर्गर-पिज्जा खा रही थी। पीसीबी ने इससे इंकार भी किया. लेकिन लोग कहां मानने वाले थे. सोशल मीडिया पर ट्रोल जारी हैं. हमले इतने तीखे होते गए कि शोएब मलिक को खुद हाथ जोड़ने पड़े.
शोएब मलिक इसलिए निराश हैं क्योंकि उनकी पत्नी सानिया मिर्जा पर भी हमले हो रहे हैं
पाकिस्तान में एक भाई साहब ने तो हद ही कर दी. वो कोर्ट चले गए. गुजरांवाला सिविल कोर्ट में याचिका डाल दी. मांग की कि नेशनल टीम और सेलेक्टरों को बैन कीजिए. मजे की बात ये है कि कोर्ट ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अफसरों को तलब भी कर लिया है. पाकिस्तानी खिलाड़ियों के मन में डर का आलम देखिए....
इस हार के बाद सबसे ज्यादा निशाना सरफराज अहमद को ही बनाया जा रहा है. आम लोग तो छोड़िए,पूर्व क्रिकेट शोएब अख्तर भी सरफराज के लिए न जाने, क्या कह रहे हैं. वो उन्हें कभी ‘मैनेजमेंट का मामू’ कह रहे हैं तो कभी बेदिमाग कप्तान. हद हो गई. गुस्सा जायज है, आलोचना सही है, लेकिन बदजुबानी? भाई आपके कप्तान हैं. ऐसा तो न करो.
आज जिस माही की हर तरफ तारीफ होती है, उनके ही घर पर पथराव किया गया था. 2007 के वर्ल्ड कप से भारत के जल्द बाहर हो जाने के कारण गुस्साए फैन्स ने झारखंड में रांची स्थित धोनी के घर पर पथराव कर दिया था. खूब नारे लगाए थे. तब कई और भारतीय खिलाड़ियों के पुतले भी जलाए गए थे. एक किस्सा सकलैन मुश्ताक का भी है. कहते हैं 1999 में जब पाकिस्तानी टीम हारी और वापस देश लौटी तो सकलैन डर के मारे डेढ़ दिन तक एयरपोर्ट पर ही छिपे रहे.
पाकिस्तान से 16 जून को मैच से एक दिन पहले विराट की ये बातें बड़ी मार्के वाली हैं. हार-जीत तो होती रहती है, इससे दुनिया नहीं रुकती. वैसे भी पाकिस्तान की टीम किसी फिसड्डी टीम से नहीं हारी. उस भारत से हारी जिसे विश्व कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. गनीमत है कि PCB अध्यक्ष ने वादा किया है कि बोर्ड टीम के साथ है. एक हार और एक जीत से खेल खत्म नहीं होता. जरूरी है खेलते रहना. अच्छा खेलते रहना. खिलाड़ी अच्छा तभी खेलते रहेंगे, जब फैन्स इस तरह खेल खराब न करें. दिल पे मत ले यार.
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