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बेंगलुरू में रविवार 19 जनवरी को जब भारत और ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीमें आमने-सामने होंगी, तो दोनों के सामने सीरीज जीतने के अलावा अलग-अलग मकसद होंगे. भारतीय टीम 2019 में घरेलू जमीन पर ऑस्ट्रेलिया से मिली हार का हिसाब पूरा कर अपनी साख बरकरार रखना चाहेगी, तो ऑस्ट्रेलिया भारत में जीत के साथ ही खुद को फिर पुरानी ताकत के तौर पर स्थापित करना चाहेगी.
इस सीरीज के शुरूआत से ही रोमांचक होने की संभावना थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही मैच में एकतरफा जीत हासिल कर भारत को बैकफुट पर धकेल दिया था. इसके बाद से लगने लगा था कि भारत के लिए वापसी इतनी आसान नहीं होगी.
दूसरे वनडे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि भारत ने अपनी बल्लेबाजी पर अच्छा फोकस किया. वहीं केएल राहुल ने पांचवें नंबर पर मिले मौके का पूरा फायदा उठाया.
रोहित शर्मा और शिखर धवन ने पारी की शुरुआत की जबकि कप्तान विराट कोहली अपने पसंदीदा तीसरे नंबर पर और श्रेयस अय्यर चौथे नंबर पर आये. रविवार को होने वाले मैच में भी यही बल्लेबाजी क्रम बरकरार रहने की संभावना है.
राजकोट में भारत के लिये सबसे महत्वपूर्ण राहुल की पारी रही जो उन्होंने पांचवें नंबर पर खेली. जिससे टीम को संतुलन बनाने में मदद मिली. राहुल ने 150 से अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बनाये. वह पिछले मैच में तीसरे नंबर पर खेले थे.
हालांकि मनीष पांडे और श्रेयस अय्यर का न चल पाना थोड़ा परेशान कर सकता है, क्योंकि टॉप ऑर्डर की नाकामी की हालत में पिछले कई मैचों में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा है.
रोहित शर्मा शुक्रवार को चोटिल हो गये थे लेकिन कोहली को विश्वास है कि यह स्टार सलामी बल्लेबाज चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले निर्णायक मुकाबले में खेलेंगे. वहीं चोटिल ऋषभ पंत की जगह मनीष पांडे को खेलने का मौका मिला. पंत की वापसी पर भी अभी स्थिति साफ नहीं है.
वहीं शिखर धवन भी पिछले मैच में बल्लेबाजी के दौरान चोटिल हो गए थे और फिर फील्डिंग के लिए नहीं उतर पाए थे. उनकी फिटनेस पर भी स्थिति साफ नहीं है.
भारतीय टीम मैनेजमेंट के मुताबिक रोहित और शिखर की फिटनेस पर अंतिम फैसला रविवार को मैच से पहले ही लिया जा सकेगा. अगर दोनों खिलाड़ी चोट के कारण बाहर होते हैं तो सीरीज जीतने की भारत की उम्मीदों को ये बड़ा झटका होगा.
इस स्थिति में टीम इंडिया को बैटिंग ऑर्डर से लेकर अपनी रणनीति में बड़े बदलाव करने पड़ेंगे, जो सीरीज के नतीजे पर भी असर डाल सकते हैं.
गेंदबाजी में किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है और टीम तीन तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों के साथ ही उतर सकती है. कुलदीप यादव पिछले साल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाये थे लेकिन पिछले मैच में उन्होंने एक ओवर में एलेक्स कैरी और स्टीव स्मिथ के विकेट लेकर मैच का पासा पलटा और खुद को उपयोगी साबित किया.
चोट से उबरकर वापसी करने वाले जसप्रीत बुमराह की कसी हुई गेंदबाजी भारत के लिये एक और सकारात्मक पहलू रहा. उन्होंने एक छोर से दबाव बनाया तो दूसरे छोर से विकेट मिलते रहे. मोहम्मद शमी और नवदीप सैनी शुरुआती और मिडिल ओवरों में काफी महंगे साबित हुए, लेकिन अंतिम ओवरों में अपनी स्पीड और यॉर्करों की बौछार से मैच का रुख बदलने में सफल रहे.
ऐसी संभावना नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया भी हार के बाद बहुत ज्यादा बदलाव करे. कुलदीप के ओवर में दो विकेट गंवाने से पहले वह लक्ष्य हासिल करने की स्थिति में बना हुआ था. बेहतरीन फार्म में चल रहे मार्नस लाबुशेन ने अपनी पहली वनडे पारी में अच्छा प्रदर्शन किया.
मिचेल स्टार्क ने पिछले मैच में दस ओवर में 78 रन लुटाये लेकिन वह इस मैच में वापसी करने की कोशिश करेंगे. उनके साथ नयी गेंद संभालने वाले पैट कमिन्स की गेंदों पर रन बनाना फिर से आसान नहीं रहा जबकि एडम जंपा फिर से कोहली को आउट किया.
हालांकि बायें हाथ के स्पिनर एश्टन एगर मैच में कुछ खास नहीं कर पाए. इसलिए उन्हें इस मैच में बेहतर खेल दिखाना होगा.
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, के एल राहुल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, केदार जाधव, शिवम दुबे, रविंद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, नवदीप सैनी, जसप्रीत बुमराह, शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद शमी.
ऑस्ट्रेलिया: ऐरॉन फिंच (कप्तान), एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), पैट कमिन्स, एश्टन ऐगर, पीटर हैंड्सकॉम्ब, जॉश हेजलवुड, मार्नस लाबुशेन, केन रिचर्डसन, स्टीव स्मिथ, मिचेल स्टार्क, एशटन टर्नर, डेविड वार्नर और एडम जंपा.
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