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ठाकुर,सुंदर,अश्विन...ऑस्ट्रेलिया में चमके इंडिया के ‘पुछल्ले तारे’

निचला क्रम जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करता हुआ दिखाई दे रहा है

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निचला क्रम जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करता हुआ दिखाई दे रहा है
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निचला क्रम जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करता हुआ दिखाई दे रहा है
(फोटो: Altered By Quint)

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ऑस्ट्रेलियाई दौरे में जहां भारतीय टीम का टॉप ऑर्डर बिखरा-बिखरा दिख रहा है, वहीं निचला क्रम जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करता हुआ दिखाई दे रहा है. ब्रिस्बेन में बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी के चौथे मैच में जहां वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने रिकॉर्ड तोड़ पारी खेली वहीं SCG में हनुमा विहारी और आर अश्विन ने जुझारु पारी से सबका दिल जीता. चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से जूझ रही टीम इंडिया में इस सीरीज में किस पुछल्ले खिलाड़ी ने नाम कमाया.आइए जानते हैं...

पहले एक नजर ब्रिस्बने टेस्ट में तीसरे दिन के अहम रिकॉर्ड पर:

  • शार्दुल और वॉशिंगटन ने गाबा ग्राउंड पर सातवें विकेट के लिए सबसे बड़ी भारतीय साझेदारी का बनाया रिकॉर्ड.
  • पहली बार टेस्ट में ऐसा हुआ है कि दो भारतीय खिलाड़ियों ने 50 से ज्यादा स्कोर बनाया और 3 विकेट अपने नाम किए हैं.
  • डेब्यू मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी वाशिंगटन सुंदर (62 रन) बन गए हैं. सुंदर से पहले इंग्लैंड के फ्रैंक फोस्टर के नाम यह रिकॉर्ड था, जिन्होंने 1911 में 56 रन की पारी खेली थी.
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इस दौरे में चमकने वाले भारतीय पुछल्ल तारे:

रवीन्द्र जडेजा : इस पूरे दौरे में निचले क्रम में सबसे ज्यादा संभल कर खेलने वाले रवीन्द्र जडेजा ने पहले वनडे में 25, दूसरे में 24 और तीसरे में 66 रनों की अहम पारी खेली है. वहीं मात्र एक ही टी-20 मैच खेलते हुए 44 रन जड़े. टेस्ट मैचों की बात करें तो जडेजा ने इस सीरीज में दो मैच ही खेले हैं जिसमें से एक में 57 रन और दूसरे में नाबाद 28 रन बनाए हैं.

आर अश्विन : दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 42 बॉल में 14 और तीसरे टेस्ट में 10 और 39 रन की अहम पारी खेली. दूसरी पारी में 128 गेंद पर बनाए गए 39 रन ऐसे समय पर निकले, जब मैदान पर मौजूद दोनों बल्लेबाज चोटिल थे और टीम को मैच में बने रहने के लिए टिके रहना था. तब अश्विन ने जुझारू पारी खेलकर मैच बचाने में अहम योगदान दिया. इसके पहले भी टेस्ट में अश्विन कमाल की बैटिंग कर चुके हैं. टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 124 रनों का है.

हनुमा विहारी : इनके बल्ले से भले ही ज्यादा रन न निकले हो लेकिन इन्होंने टीम को हारने नहीं दिया. टेस्ट मैच में डिफेंस का अपना अलग महत्व है. हनुमा विहारी ने सिडनी के ग्राउंड में जो जज़्बा दिखाया है वह लंबे समय तक याद रखा जाएगा. दूसरी पारी में जब भारतीय टीम को टिक कर खेलने की जरूरत थी तब विहारी ने 286 मिनट मैदान बिताए और 161 गेंद खेलकर 23 रन बनाते हुए मैच को जाने नहीं दिया.

हार्दिक पंड्या : वनडे और टी-20 मैचों में टीम का हिस्सा रहे हार्दिक पंड्या ने निचले क्रम में खेलते हुए पहले वनडे में 90, दूसरे में 28 और तीसरे में 92 रनों की आक्रामक पारी खेली थी. वहीं पहले टी-20 में 16, दूसरे में 42 और तीसरे में 20 रनों की पारी खेली है.

वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर : इस सीरीज के चौथे टेस्ट और आखिरी मैच में शार्दुल और सुंदर की जोड़ी ने पूरी दुनिया के क्रिकेट फैन्स का ध्यान अपनी ओर खींचा है. दोनों ने 50 से ज्यादा रनों की पारी खेलते हुए कई रिकॉर्ड भी स्थापित किए हैं. ब्रिस्बेन टेस्ट के दौरान शार्दुल ने 67 और सुंदर ने 62 रनों की पारी खेली. इस दौरे के अन्य मैचों की बात करें तो तीसरे वनडे में शार्दुल ने 7 गेंदों में 17 रन (2 छक्के लगाकर) बनाए थे.

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Published: 17 Jan 2021,11:05 PM IST

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