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मुश्किल विकेट पर रन बनाना और बड़ी टीमों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करना ही बड़े खिलाड़ियों की पहली पहचान होती है. ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ अब तक शानदार प्रदर्शन करते आए विराट कोहली इस कसौटी पर खरे उतरते हैं. ये चर्चा अब इसलिए जरूरी है क्योंकि भारतीय टीम अगले कुछ घंटे में ऑस्ट्रेलिया रवाना होने वाली है. ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया को 3 टी-20, 4 टेस्ट मैच और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेलनी है.
टीम के रवाना होने से पहले गुरुवार को विराट कोहली मुंबई में मीडिया से मुखातिब भी होंगे. पिछले दौरों में विदेशी पिचों पर भारतीय टीम की हालत खराब रही है. दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में टीम इंडिया की हार सभी को याद है. इन दोनों ही टीमों के खिलाफ भारतीय टीम कई मौकों पर जीत के करीब पहुंची लेकिन उसके खिलाड़ियों ने घुटने टेक दिए.
सच ये भी है कि इन दोनों ही टीमों के खिलाफ विराट कोहली सीना ताने खड़े रहे. उन्हें आउट करना गेंदबाजों के लिए चुनौती बना रहा. उन्होंने अपनी बल्लेबाजी को स्थितियों के लिहाज से ढाल कर साबित किया कि वो इस वक्त दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज हैं. ऐसे में कंगारुओं के खिलाफ कोहली एक बार फिर विराट नजर आएंगे क्योंकि ऑस्ट्रेलिया से उनका पुराना रिश्ता रहा है. कोहली ने अपना पहला टेस्ट शतक कंगारुओं के खिलाफ ही लगाया था. आगे बढ़ने से पहले उस शतक की यादें ताजा कर लेते हैं.
ये शतक विराट कोहली के करियर के पहले टेस्ट शतक के अलावा और भी कई मायनों में खास है. दरअसल इस शतक से पहले विराट कोहली की लगातार नाकामी ने टीम में उनकी जगह को खतरे में डाल दिया था. ये चर्चा जोर पकड़ रही थी कि आखिर धोनी विराट कोहली को और कितने मौके देंगे. लेकिन इस शतक के बाद अगले 10 टेस्ट मैचों में कोहली ने 4 शतक और 3 अर्धशतक जड़े थे. जिसके बाद उस चर्चा ने हमेशा के लिए दम तोड़ दिया. आज आलम ये है कि कोहली ने अपने करियर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे ज्यादा टेस्ट शतक लगाए हैं. उनके 24 टेस्ट शतक हैं. जिसमें सबसे ज्यादा 6 शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही हैं.
इन 6 शतकों में से चार विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे में लगाए थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में ही नहीं बल्कि वनडे क्रिकेट में भी विराट कोहली का प्रदर्शन लाजवाब रहा है. वनडे फॉर्मेट में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 शतक जड़े हैं.
टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक बार फिर सबसे मुश्किल चुनौती टेस्ट सीरीज में होगी. टेस्ट फॉर्मेट में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने हाल में शानदार प्रदर्शन किया है. टेस्ट मैचों में जीत की पहली शर्त होती है विरोधी टीम के 20 विकेट लेना. इस शर्त को टीम इंडिया के गेंदबाज पूरा कर रहे हैं. मुश्किल बल्लेबाजों को लेकर है.
विराट कोहली को छोड़कर किसी भी बल्लेबाज के प्रदर्शन में ‘कंसिसटेंसी’ नहीं है. दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ हालिया सीरीज में ये बात क्रिकेट प्रेमी देख चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया में भी इसी बात का इम्तिहान होगा कि विराट कोहली के साथ बल्लेबाजी का मोर्चा संभालने के लिए कौन आगे आता है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट कोहली के प्रदर्शन का आंकड़ा बताता है कि अगर उन्हें एक-दो बल्लेबाजों का भी साथ मिल गया तो इस बार कहानी पलटने का पूरा प्रयास होगा. कंगारुओं के लिए सावधान रहने का वक्त आ गया है.
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