Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Cricket Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Ind Vs Eng:तीसरे टेस्ट के 5 हीरो- अक्षर, अश्विन, रोहित, पिच और DRS

Ind Vs Eng:तीसरे टेस्ट के 5 हीरो- अक्षर, अश्विन, रोहित, पिच और DRS

मैच जीतने में सिर्फ धुरंधर प्लेयर्स का हाथ है या फिर नरेंद्र मोदी स्टेडियम के पिच क्यूरेटर का भी कमाल है

वैभव पलनीटकर
क्रिकेट
Updated:
IND Vs ENG : कौन हैं भारत की जीत के हीरो
i
IND Vs ENG : कौन हैं भारत की जीत के हीरो
(फोटो: BCCI/ट्विटर)

advertisement

भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच सिर्फ 2 दिन में खत्म हो जाएगा ये किसी ने भी नहीं सोचा होगा. एक ऐसे वक्त में जब क्रिकेट गेम के बारे में कहा जाता है कि ये बल्लेबाजों के पक्ष में झुकाता जा रहा है, तब पूरा टेस्ट मैच चंद स्पिनर्स की उंगलियों पर नाचता दिख रहा था. भले ही भारत ने तीसरा टेस्ट 10 विकेट से जीत लिया हो लेकिन फिर भी ये बात पच नहीं रही है कि मैच जीतने में सिर्फ टीम इंडिया के धुरंधर प्लेयर्स का हाथ है या फिर नरेंद्र मोदी स्टेडियम के पिच क्यूरेटर का भी कमाल है.

तीसरे टेस्ट मैच में शानदार जीत के ये 5 हीरो रहे हैं-

फिरकी के 'नए उस्ताद' बनकर उभरे अक्षर पटेल

कोई खिलाड़ी अपना दूसरा ही टेस्ट मैच खेलते हुए अगर 11 विकेट झटक ले तो इसे चमत्कार ही कहा जाएगा. अक्षर पटेल ने चेन्नई में दूसरे टेस्ट में ही दोनों पारियों में मिलाकर 7 विकेट झटके थे और सबकों अपनी फिरकी के जादू से चौंका दिया था. इसके बाद अक्षर पटेल ने होम स्टेट के अहमदाबाद ग्राउंड पर तो कमाल ही कर दिया. गुजराती दर्शकों के उत्साहवर्धन के बीच पहली पारी में पटेल ने 6 विकेट झटके और दूसरी पारी में 5 विकेट झटके.

दूसरी पारी में कप्तान कोहली ने पहला ही ओवर थमाया अक्षर पटेल को. अक्षर ने पहली ही गेंद पर इंग्लैंड के ओपनर कार्ली को बोल्ड कर दिया. इसके बाद अगली गेंद पर बैरिस्टो के सामने हैट्रिक चांस भी बना और अक्षर ने विकेट भी ले लिया था, लेकिन इंग्लैंड ने रिव्यू ले लिया और अक्षर की हैट ट्रिक होते-होते रहे. लेकिन फिर अगली ही बॉल पर अक्षर ने बैरिस्टो का बोल्ड मारकर करोड़ों दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ दी.

हाथ से नहीं, दिमाग से बॉलिंग करने वाले अश्विन

रविचंद्रन अश्विन ने अपने होम ग्राउंड पर तो कमाल दिखाया था ही था लेकिन अहमदाबाद में भी उनका दमदार प्रदर्शन जारी है. अश्विन की गेंदबाजी का कसाव इतना मजबूत है कि इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए रन चुराना मुश्किल हो जाता है. लेफ्ट हैंड बल्लेबाजों की हालत अश्विन के सामने और भी ज्यादा नाजुक हो जाती है.

पहली पारी में आर अश्विन ने 3 विकेट झटके. उन्होंने सबसे अहम इंग्लैंड के कप्तान जो रूट का विकेट लिए और उन्हें पवेलियन वापस लौटाया. वहीं दूसरी पारी में अश्विन ने 4 विकेट झटके. उन्होंने स्टोक्स, पोप, जोफ्रा आर्चर और जैक लीच को आउट किया.

इस मैच की खास बात ये है कि इसी टेस्ट में आर अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट पूरे कर लिए हैं और ऐसा करने वाले वो भारत के सबसे तेज गेंदबाज बन गए हैं. दुनियाभर में उनके आगे सिर्फ मुथैया मुरलीधरन ही हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

विपरीत परिस्थितियों में रोहित की स्थिर बल्लेबाजी

तीसरे टेस्ट में रोहित ही ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने टिककर टीम के लिए रन जोड़े. पहली पारी में भारत ने 145 रन बनाए जिसमें से करीब आधे रन तो अकेले रोहित ने ही बनाए. वहीं दूसरी पारी में भी रोहित ने 25 रन बनाए और नॉट आउट वापस गए और भारत की झोली में 10 विकटों की बड़ी जीत डाल दी.

पूरे टेस्ट मैच में 400 से भी कम रन बने जिसमें से रोहित शर्मा ने ही अकेले 90 से ज्यादा रन बनाए. दोनों टीमों में रोहित ने ही व्यक्तिगत तौर पर सबसे ज्यादा रन बनाए. विपरीत परिस्थियों में जहां स्पिनर्स को झेलना मुश्किल था, उस पिच पर रोहित का ये योगदान भी भारत की जीत के लिए अहम रहा.

DRS- अंपायर डिसीजन रिव्यू सिस्टम

अगर प्लेयर को ऐसा लगता है कि अंपायर का फैसला सही नहीं है तो उसके खिलाफ वो 12 सैकेंड के अंदर DRS ले सकता है. इसके बाद थर्ड एंपायर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पता करते हैं कि फैसला सही था या गलत. कई बार ऐसा होता है कि एक टीम के DRS सही हो जाते हैं और दूसरी टीम गलत अंदाजे की वजह से इस स्कीम का फायदा नहीं उठा पाती. इस मैच में जमकर DRS लिए गए और काफी सारे मामलों में भारत को फायदा मिला. वहीं इंग्लैंड के भी कई सारे डीआरएस सफल हुए. कुल मिलाकर DRS ने कई मौकों पर मैच का रुख बदला.

नरेंद्र मोदी स्टेडियम की 'धुआं उड़ाती' पिच

पहले के दो टेस्ट मैच चेन्नई में हुए थे और तब से ही पिच को लेकर भारत की आलोचना हो रही है. आरोप लगे कि भारत ने स्पिनर्स को फायदा पहुंचाने वाली पिच तैयार कराई और टीम में ज्यादातर स्पिनर्स ही खिलाए. इंग्लैंड के कई सारे दिग्गज पूर्व क्रिकेटर्स ने ये मुद्दा उठाया.

लेकिन इसके बाद कयास लगाए गए कि अब जब अहमदाबाद में मैच होगा तो वहां की पिच अलग होगी. उम्मीद थी कि यहां तेज गेंदबाजों को फायदा होगा. लेकिन उम्मीद के उलट यहां फिरकी गेंदबाजों को और भी ज्यादा मदद मिली.

पिच ने किस तरह स्पिनर्स को मदद पहुंचाई, इस बात को इस आंकड़े से समझा जा सकता है- 'कुल 30 विकटों में से 28 विकेट स्पिनर्स को मिले हैं. भारत और इंग्लैंड दोनों कप्तानों ने तेज गेंदबाजों से बेहद ही कम बॉलिंग कराई. दूसरी पारी में तो भारत और इंग्लैंड दोनों ने ही एक भी ओवर तेज गेंदबाज से नहीं कराया.'

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 25 Feb 2021,11:13 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT