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IND vs NZ: टीम इंडिया के सामने सीरीज के साथ सम्मान बचाने की चुनौती

न्यूजीलैंड ने वेलिंग्टन में हुए पहले टेस्ट में 10 विकेट से जीत दर्ज की थी

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क्रिकेट
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क्राइस्टचर्च में भारतीय टीम के पास वापसी का आखिरी मौका है
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क्राइस्टचर्च में भारतीय टीम के पास वापसी का आखिरी मौका है
(फोटोः BCCI)

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न्यूजीलैंड की परिस्थितयों से तालमेल बिठाने की जद्दोजहद में लगी भारतीय क्रिकेट टीम के सामने शनिवार 29 फरवरी से क्राइस्टचर्च के हेग्ले ओवल मैदान पर शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच में वापसी की चुनौती खड़ी है. वेलिंग्टन में 10 विकेटों से मिली हार के बाद भारत दो मैचों की सीरीज में 0-1 से पीछे है और अब उसके लिए बराबरी ही विकल्प है.

ईशांत की चोट से बढ़ी गेंदबाजी में टेंशन

पहले मैच में भारत के लिए कुछ सही नहीं रहा था, सिवाए दो खिलाड़ियों के. मयंक अग्रवाल ने दोनों पारियों में विकेट पर टिकने की काबिलियत दिखाई थी और दूसरी पारी में पचास का आंकड़ा भी पार किया था.

गेंदबाजी में ईशांत शर्मा पांच विकेट लेने में सफल रहे, लेकिन टीम का यह सबसे अनुभवी गेंदबाज दूसरे टेस्ट मैच से बाहर हो गया, जिसका कारण टखने में लगी चोट है. ऐसे में भारतीय गेंदबाजों के लिए भी यह मैच ज्यादा चुनौतीपूर्ण बन गया है.

गेंदबाजी में अगर भारत को देखा जाए तो जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी दो बेहतरीन गेंदबाज है.

ईशांत के बाहर होने पर उमेश यादव का टीम में आना तय है. हालांकि युवा तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने भी काफी प्रभावित किया है. इसके बावजूद इतने महत्वपूर्ण मैच के लिए टीम अनुभवी उमेश को ही मौका देना चाहेगी.

इस समय सबसे मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के तौर पर मशहूर भारतीय गेंदबाज पहले मैच में असरदार नहीं रह पाए थे. कीवी देश की परिस्थतियां इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है, जहां गेंदबाजों को अलग तरह की काबिलियत चाहिए होती है और वो होती है गेंद को देरी से स्विंग यानी लेट स्विंग कराने की.

संजय मांजरेकर ने हाल ही में इसका कारण भी बताया था. मांजरेकर ने ट्वीट करते हुए लिखा था,

“क्यों न्यूजीलैंड के गेंदबाज भारतीय गेंदबाजों की अपेक्षा गेंद को स्विंग कराने में सफल रहे? क्योंकि इस तरह के विकेटों पर कलाई के एक कोण की मदद से गेंद को स्विंग कराने की जरूरत होती है. भारत के तीनों तेज गेंदबाज, बेशक यह तीनों शीर्ष स्तर के हैं, लेकिन आउट स्विंग गेंदबाज नहीं हैं.”

शमी और बुमराह की सीम बेहतरीन हैं, लेकिन संजय की मानें तो उनके पास गेंद को न्यूजीलैंड में स्विंग कराने की वो काबिलियत नहीं है जो टिम साउदी, ट्रेंट बाउल्ट के पास है.

अब दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय गेंदबाज किस तरह से इस चुनौती से निपटते हैं यह देखना होगा.

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वेग्नर की वापसी बढ़ी बल्लेबाजों की आफत

ईशांत का बाहर जाना भारत के लिए बुरी खबर तो है ही साथ ही नील वेग्नर का कीवी टीम में लौट आना भी कम बुरी खबर नहीं है. ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी और वेग्नर घर में कहीं ज्यादा खतरनाक हैं.

कप्तान विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे जैसे बल्लेबाजों से सजा भारत का मजबूत बल्लेबाजी क्रम पहले टेस्ट की दोनों पारियों में 200 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सका था. हेग्ले ओवल की पिच पर यह बल्लेबाज किस तरह से कीवी तिकड़ी का सामना करते हैं, वो भी बड़ा सवाल है

इन सबमें सबसे बड़ा सवाल तो खुद कप्तान कोहली से है, जो तीनों फॉर्मेट मिलाकर पिछली 20 पारियों से शतक नहीं जमा पाए हैं. टीम की बल्लेबाजी कोहली के इर्द-गिर्द ही घूमती है. वही अगर विफल हो जाएं तो टीम के आत्मविश्वास पर चोट लाजमी है.

वेग्नर ने पहले ही कह दिया था कि वह कोहली के पीछे हैं और जल्दी से जल्दी उन्हें आउट करने की फिराक में होंगे.

जडेजा या अश्विन! कौन होगा ऑलराउंडर?

जीत के लिए कोहली टीम में बदलाव कर सकते हैं. ईशांत का बाहर जाना तय हो ही गया है, वहीं ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी बाहर जा सकते हैं और उनके स्थान पर रविंद्र जडेजा को मौका मिल सकता है.

अश्विन ने गेंदबाजी तो अच्छी की थी, लेकिन बल्ले से उनकी पिछले कुछ वक्त से चली आ रही नाकामी भारी पड़ रही है. ऐसे में जडेजा, जो गेंदबाजी में कमाल करने के साथ ही, हाल ही में बैटिंग में भी अच्छी फॉर्म में रहे हैं, उनका पक्ष मजबूत हो जाता है. इसके अलावा वो बेहतर फील्डर भी हैं.

वहीं पृथ्वी शॉ पैर की सूजन से उबर गए हैं और पहले टेस्ट की विफलता के बावजूद उनको ड्रॉप किए जाने की संभावना नहीं है. कप्तान कोहली उन पर भरोसा जता ही चुके हैं. वहीं विकेटकीपिंग में ऋषभ पंत का खेलना भी तय है. वेलिंग्टन में पंत का विकेट के पीछे और बल्ले से प्रदर्शन खराब नहीं था.

दूसरी ओर, पहले टेस्ट को जीत के बाद कीवी टीम के कप्तान केन विलियम्सन ने कहा था कि इस मजबूत भारतीय टीम को मात देने के लिए आपको कहीं बेहतर और मजबूत होना होता है. जाहिर है कप्तान जानते हैं कि कोहली की टीम कुछ भी कर सकती है इसलिए दूसरे मैच में वो इत्मिनान नहीं रख सकते.

मेजबान टीम हर हाल में अपने विजयी क्रम को जारी रखने की भरसक कोशिश करेगी. कीवी टीम के सामने ये चुनौती है कि क्या वो पूरी तरह से तेज गेंदबाजी अटैक उतारेंगे या एक स्पिनर को जगह देंगे.

टीमें

भारत : विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य राहणे (उप-कप्तान), मयंक अग्रवाल, रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), चेतेश्वर पुजारा, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), नवदीप सैनी, ईशांत शर्मा, पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल, हनुमा विहारी, उमेश यादव.

न्यूजीलैंड : केन विलियम्सन (कप्तान), टॉम ब्लंडेल (विकेटकीपर), ट्रेंट बाउल्ट, कोलीन डी ग्रांडहोम, मैट हेनरी, काइल जैमिसन, टॉम लाथम, डार्ली मिशेल, हेनरी निकोलस, एजाज पटेल, टिम साउदी, रॉस टेलर, नील वेग्नर, बीजे वाटलिंग.

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