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तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने मंगलवार 17 दिसंबर को कहा कि उन्हें अपने करियर के शुरू में ही समझ में आ गया था कि सीमित ओवरों की क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान देना होगा और IPL भारतीय टीम में जगह बनाने का आसान रास्ता है.
आगरा के रहने वाले चाहर ने राजस्थान की तरफ से रणजी ट्राफी डेब्यू पर ही हैदराबाद के खिलाफ दस रन देकर आठ विकेट लिये थे लेकिन उन्हें जल्द ही यह अहसास हो गया कि लाल गेंद से 125 किमी की रफ्तार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का उनका सपना पूरा नहीं कर सकती.
चाहर ने कहा,
उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अहम दूसरे वनडे से पहले विशाखापत्तनम में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
मध्यम गति के इस गेंदबाज ने आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स से दो सत्र खेलने के बाद भारतीय टीम में जगह बनायी.
चाहर अपनी कमजोरियों के प्रति स्पष्ट राय रखते हैं और जानते हैं कि उन्हें इनमें सुधार के लिये क्या करना है. उन्होंने कहा,
चाहर ने कहा, ‘‘स्विंग लेती गेंद जो 135 से 137 किमी की रफ्तार से की गयी हो वह किसी भी बल्लेबाज के लिये बेहद मुश्किल गेंद होती है. अगर विकेट सपाट है तो 150 किमी की गेंद भी आसानी से खेली जा सकती है.’’
चाहर का ध्यान अब सफेद गेंद का अच्छा गेंदबाज बनने पर है और उन्हें लगता है कि लाल गेंद की तुलना में सफेद गेंद को स्विंग करना अधिक मुश्किल है.
उन्होंने कहा, ‘‘लाल गेंद का अगर एक छोर चमकीला है तो वह (रिवर्स) स्विंग लेगी. यही वजह है कि रणजी स्तर पर कई गेंदबाज गेंद को दोनों तरफ मूव कर सकते हैं. सफेद गेंद से स्विंग चमक के कारण नहीं मिलती. यह आपके एक्शन से मिलती है. इसलिए मैंने अपनी तेजी बढ़ाने के साथ इस पर भी काम किया.’’
चाहर ने कहा,
चाहर ने अब तक केवल दो वनडे खेले हैं लेकिन उन्होंने पहले ही इसमें अपना कमजोर पक्ष पता कर लिया था जो दूसरे पावरप्ले में गेंदबाजी करना है जबकि केवल चार क्षेत्ररक्षक 30 गज के बाहर होते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘वनडे सबसे मुश्किल प्रारूप है. टी20 में आपका ध्यान रन रोकने पर होता है. उसमें अगर आप विकेट नहीं लेते हो लेकिन चार ओवर में 24 रन ही देते हो तो यह अच्छा विश्लेषण होता है. टेस्ट मैचों में उसके उलट है. आपको हमलावर होना होता है। रन बने तो बने लेकिन आपको विकेट लेने होते हैं.’’
चाहर ने कहा, ‘‘वनडे इन दोनों का मिश्रण है जहां आपको रन भी रोकने होते हैं और विकेट भी लेने होते हैं. आपको परिस्थितियों को अच्छी तरह से समझना होता है. मैंने भारत ए की तरफ से लिस्ट ए के कई मैच खेले हैं और इससे मुझे मदद मिली है और इसलिए जानता हूं कि दूसरे पावरप्ले में कैसी गेंदबाजी करनी है.’’
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