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भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले जाने वाली टी-20 और वनडे सीरीज में नो बॉल को लेकर जिम्मेदारी टीवी अंपायर पर रहेगी. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इस बात की पुष्टि की है. इन दोनों सीरीज में ICC इसे ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है.
आईसीसी के मुताबिक, ट्रायल के दौरान तीसरे अंपायर की नजरें पैर की नो बॉल पर रहेंगी. अगर तीसरे अंपायर को लगता है कि ये नो बॉल थी तो वह मैदानी अंपायर को इसकी जानकारी देगा और मैदानी अंपायर ये औपचारिक फैसला सुनाएगा.
यहां ये बात समझना जरूरी है कि संदेह की स्थिति में फायदा गेंदबाज को होगा और अगर देर से नो बॉल का फैसला सुनाया जाता है तो मैदानी अंपायर विकेट रद्द कर देगा (अगर होता है तो) और गेंद को नो बॉल करार देगा.
6 दिसंबर से टीम इंडिया और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली जाएगी. पहला मैच हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम में खेला जाएगा. वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवें नंबर पर काबिज भारत ने इस साल अगस्त में ही वेस्टइंडीज दौरे पर तीनों फॉर्मेट में मेजबान टीम पर क्लीन स्वीप किया था.
लेकिन अब नियमित कप्तान विराट कोहली के लौटने से टॉप आर्डर में टीम को एक स्थिरता मिली है. उनके अलावा रोहित, लोकेश राहुल और श्रेयस अय्यर भी ऐसे बल्लेबाज हैं, जो कि किसी भी गेंदबाजी को तहस नहस कर सकते हैं. खासकर ऐसे में जब वेस्टइंडीज की टीम के पास अनुभव गेंदबाजों की कमी है. बल्लेबाजी के अलावा भारतीय टीम का गेंदबाजी भी काफी घातक दिखाई दे रही है. अनुभवी भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी के लौटने मेजबान टीम की तेज गेंदबाजी काफी मजबूत हुई है.
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