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21 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला वर्ल्ड कप मैच खेलने वाली भारतीय टीम अब टूर्नामेंट में अपना आखिरी मैच खेलने के लिए तैयार है. एक बार फिर टीम के सामने है ऑस्ट्रेलिया और स्टेज है टी20 वर्ल्ड कप फाइनल का.
इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल रद्द होने के कारण भारतीय टीम को फाइनल में जगह मिली और 8 मार्च को भारतीय टीम पहली बार आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप के खिताब के लिए अपनी दावेदारी पेश करेगी.
भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन टीम गेम दिखाया. भारतीय बल्लेबाज जहां ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए, वहीं भारत की सभी गेंदबाजों ने किसी न किसी मैच में अपना कमाल दिखाया.
एक नजर डालते हैं भारतीय टीम के फाइनल तक के सफल अभियान पर-
भारतीय टीम का पहला ही मैच था मेजबान ऑस्ट्रेलिया से. भारत और 4 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ ये मैच इस टूर्नामेंट का भी पहला मुकाबला था. मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये मैच भारतीय टीम के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था.
पहले बैटिंग करने उतरी भारत को ओपनर शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने शानदार शुरुआत दिलाई. दोनों ने सिर्फ 4 ओवर में ही 41 रन बनाए, लेकिन जल्द ही भारत ने मंधाना (10) और शेफाली वर्मा के विकेट गंवा दिए.
इसके बाद दीप्ति शर्मा (49) और जेमिमा रड्रिग्ज (25) ने 53 रन की अहम साझेदारी की और भारत को सस्ते में आउट होने से बचाया. भारत ने 20 ओवर में सिर्फ 132 रन बनाए.
जवाब में एलिसा हीली ने ऑस्ट्रेलिया को तेज शुरुआत दिलाई. भारतीय टीम ने जल्दी जल्दी ऑस्ट्रेलिया के 2 विकेट ले लिए. ओपनर बेथ मूनी (6) को शिखा पांडे ने जबकि कप्तान मेग लेनिंग (5) को राजेश्वरी गायकवाड़ ने आउट कर दिया.
पूनम यादव भारत की स्टार रहीं. उन्होंने सिर्फ 19 रन देकर 4 विकेट हासिल किए और भारत ने 132 का छोटा स्कोर भी डिफेंड कर दिया.
भारत का अगला मैच था पड़ोसी बांग्लादेश से. बीमार होने के कारण इस मैच में स्मृति मंधाना नहीं उतर पाईं. इसलिए तानिया भाटिया को शेफाली वर्मा के साथ ओपनिंग के लिए उतारा गया
शेफाली के अलावा सिर्फ जेमिमा रॉड्रिग्ज (34) बड़ा स्कोर बना पाईं, जबकि वेदा कृष्णमूर्ति ने आखिर में तेजी से 20 रन जोड़े और भारत ने टूर्नामेंट में अपना सबसे बड़ा स्कोर 142 रन बनाया.
जवाब में भारतीय गेंदबाजों ने एक बार फिर अपना कमाल दिखाया. इस बार टीम के सभी गेंदबाजों ने अपना योगदान दिया. तेज गेंदबाज शिखा पांडे ने लगातार दूसरे मैच में किफायती गेंजबाजी करते हुए 2 विकेट लिए, जबकि पूनम यादव की गुगली और लेग-ब्रेक का जलवा भी एक और बार दिखा.
पूनम ने 4 ओवर में 18 रन देकर 3 विकेट लिए, जबकि अरुंधति रेड्डी को भी 2 विकेट मिले और भारत ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की.
ग्रुप स्टेज में भारत का ये सबसे कड़ा मुकाबला साबित हुआ. एक बार फिर भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी और एक बार फिर टीम की शुरुआत खराब रही और टीम में वापस लौटी स्मृति मंधाना लगातार दूसरी बार नाकाम रहीं.
हालांकि इसका असर शेफाली वर्मा पर नहीं हुआ, जिन्होंने अपनी शानदार फॉर्म को जारी रखा और गेंदबाजों की धुनाई जारी रखी. इस दौरान तानिया भाटिया (23) ने उनका अच्छा साथ दिया.
एक बार फिर जिम्मेदारी गेंदबाजों पर थी, जिनके सामने छोटे लक्ष्य को बचाने की बड़ी चुनौती थी. सिर्फ 34 रन तक भारत ने न्यूजीलैंड की दिग्गज बल्लेबाज सूजी बेट्स, सोफी डिवाइन और रेचल प्रीस्ट को आउट कर दिया.
न्यूजीलैंड के लिए एमीलिया कर्र ने सिर्फ 19 गेंद में नाबाद 34 रन जड़कर भारत को मुश्किल में डाल दिया, आखिरी ओवर मे न्यूजीलैंड को जीत के लिए 16 रन की जरूररत थी, लेकिन शिखा पांडे ने ऐसा होने नहीं दिया और भारत ने 3 रन से मैच जीतकर सेमीफाइनल के लिए भी क्वालीफाई किया.
श्रीलंका के लिए कप्तान चमारी अट्टापट्टू ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और टीम को शुरुआती झटका लगने के बाद भी तेजी से रन बनाए. इस मैच में युवा स्पिनर राधा यादव ने अपना कमाल दिखाया. राधा ने चमारी (33) को आउट कर भारत को बड़ी सफलता दिलाई.
इसके बाद तो श्रीलंका की और कोई बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाई. राधा यादव (4/23) और राजेश्वरी गायकवाड़ (2/18) के सामने श्रीलंकाई बल्लेबाज पस्त नजर आए. हालांकि आखिर में कविशा दिलहारी ने सिर्फ 16 गेंद में 25 रन जड़कर टीम को 100 रन के पार पहुंचाया. श्रीलंकाई टीम सिर्फ 113 रन बना सकी.
वहीं शेफाली वर्मा एक बार फिर अपनी ही धुन में रन बनाती रहीं. शेफाली ने 34 गेंदों में 47 रन बनाए और फिर अर्धशतक से चूक गईं. भारत ने सिर्फ 3 विकेट गंवाए और 14.4 ओवर में ही मैच जीत लिया. इसके साथ ही भारतीय टीम ग्रुप-ए में शीर्ष पर रही, जिसका फायदा आगे चलकर हुआ.
5 मार्च को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारत और इंग्लैंड के बीच पहला सेमीफाइनल मुकाबला खेला जाना था, लेकिन सिडनी में सुबह से ही जोरदार बारिश होती रही. नतीजा मैच का टॉस तक नहीं हो सका.
आखिर अंपायरों ने काफी देर के इंतजार के बाद मैच को रद्द घोषित कर दिया, क्योंकि टूर्नामेंट में सेमीफाइनल मुकाबलों के लिए रिजर्व दिन का कोई प्रावधान नहीं था. अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहने का भारत को फायदा हुआ और टीम बिना मैच खेले ही पहली बार फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रही.
फाइनल में अब एक बार फिर भारत को ऑस्ट्रेलिया से भिड़ना है. टीम ने मौजूदा चैंपियन को टूर्नामेंट के पहले ही मैच में तो हराया, अब नजर रहेगी इस पर कि क्या आखिरी मैच में भी जीत दर्ज कर अपना पहला खिताब जीत पाएगी?
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