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भारतीय क्रिकेट टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) ने 2018 और 2020 के बीच कई बार क्रिकेट से संन्यास लेने पर विचार किया था, क्योंकि उनके घुटने का दर्द बदतर हो गया था और उन्हें लगा कि लोग उनकी चोटों के प्रति संवेदनशील भी नहीं थे.
अश्विन जो इस समय तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं, उन्होंने कहा कि, 2017 और 2019 के बीच उन्हें पहली बार पेटेलर टेंडोनाइटिस नामक चोट लगी थी जिसके बाद चलना भी दूभर हो गया था, तब उन्होंने रिटायरमेंट के बारे में भी सोचा था.
उन्होंने आगे बताया कि, जब वो उस दौर से गुजर रहे थे तो लोग उन्हें लेकर "पर्याप्त संवेदनशील" नहीं थे और उन्होंने उनके इरादों पर संदेह करना शुरू कर दिया. जिससे उन्हें चोट पहुंची.
अश्विन ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि उनके करियर में कई बार उदासीनता आई. 2018 में इंग्लैंड सीरीज के बाद पहली बार ऐसा हुआ और उनके समर्थन में केवल उनकी पत्नी और उनके पिता ही थे जो हमेशा आशावादी थे कि "मैं वापसी करूंगा".
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