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इंडियन प्रेमियर लीग 2018 के लिए आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने खिलाड़ियों को रिटेन करने का नया नियम बना दिया है. इस नियम के तहत सभी 8 टीमों ( चेन्नई और राजस्थान भी) को अपने पुराने खिलाड़ियों को टीम के साथ जोड़े रखने का अधिकार होगा. नए नियम के मुताबिक हर एक टीम के पास 3 खिलाड़ियों को रिटेन करने का अधिकार होगा, साथ ही 2 खिलाड़ियों को वो बोली के वक्त राइट टू मैच कार्ड के जरिए अपने साथ जोड़ सकते हैं. ऐसे में टीमें अपने-अपने हिसाब से रणनीति बनाकर 2018 की नीलामी में उतरेंगी.
उम्मीद है कि टी20 की दुनिया के कई बड़े नामों को टीमें अपने ड्रेसिंग रूम से बाहर नहीं जाने देंगी तो वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्हें इस बार टीमें रिटेन नहीं करेंगी. आखिरी बार 2014 में हुई बड़ी नीलामी के वक्त ही खिलाड़ियों को रिटेन किया गया था. तब 8 टीमों ने कुल 24 खिलाड़ियों को रिटेन किया था. एक नजर डालते हैं उन 5 खिलाड़ियों पर जिन्हें 2014 में तो बड़ी उम्मीद के साथ रिटेन किया गया लेकिन 2018 में शायद ऐसा न हो.
टी20 क्रिकेट के इतिहास में क्रिस गेल ने सबसे ज्यादा रन बनाए हैं. गेल टी20 का वो तूफान हैं जिसने दुनिया के हर एक गेंदबाज की जमकर पिटाई की है. आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए करीब 3500 रन बना चुके गेल शायद 2018 में इस टीम के लिए न खेल पाएं. इसके पीछे बड़ा कारण है पिछले दो सालों से उनका आईपीएल में गिरता प्रदर्शन. आरसीबी के लिए गेल ने 43 से भी ज्यादा की औसत और 150 से ज्यादा के स्ट्राइक के साथ रन बनाए हैं लेकिन पिछले दो सालों में प्रदर्शन धीमा पड़ा है. 2016 और 2017 आईपीएल के आंकड़े देखे जाएं तो गेल ने करीब 22 की औसत और 136 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं.
ऐसे में जब आरसीबी के पास सिर्फ 3 खिलाड़ियों को रिटेन करने का अधिकार है तो वो अपना दांव विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, केएल राहुल और सैमुअल बद्री जैसे खिलाड़ियों पर लगाएंगे. ये खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और गेल से बड़े मैच विनर साबित हुए हैं. हालांकि गेल अगर नीलामी में आते हैं तो बाकी की टीमें उन्हें जरूर अपने साथ जोड़ना चाहेंगी.
मलिंगा शुरू से ही आईपीएल में मुंबई इंडियंस के साथ रहे हैं और टीम को सबसे ज्यादा 4 बार चैंपियन बनाने में मलिंगा ने अहम रोल अदा किया. आईपीएल में 150 से ज्यादा विकेट लेने वाले मलिंगा इकलौते गेंदबाज हैं और टी20 इतिहास में वो दूसरे सबसे कामयाब बॉलर हैं. आईपीएल में लंबे समय तक वो ऐसे गेंदबाज रहे जिनके खिलाफ रन बनाना बहुत मुश्किल रहा.
लेकिन अब मलिंगा फॉर्म और फिटनेस के लिहाज से अपने प्राइम पर नहीं हैं. पिछले 2 सालों में मलिंगा की फिटनेस खराब हुई है जिस वजह से उनकी धार काफी कम हुई. 2017 सीजन में उन्हें 12 मैचों में सिर्फ 11 विकेट मिले तो वहीं साल 2016 में वो हिस्सा ही नहीं ले पाए थे. साथ ही रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी रिटेन करने की लिस्ट में मलिंगा से काफी आगे खड़े दिखाई देते हैं. वैसे अगर मलिंगा नीलामी में जाएंगे तो उन्हें भारी भरकम रकम मिल सकती है बशर्ते वो फिट रहें.
जी हां, 2016-17 में राइजिंग पुणे सुपरजायंट के साथ रहे आर अश्विन को रिटेन करने का मौका चेन्नई सुपरकिंग्स के पास होगा क्योंकि 2015 में वो चेन्नई के साथ थे. लेकिन पीली जर्सी वाली टीम उन्हें एक बार फिर अपने साथ जोड़ना चाहेगी इसकी उम्मीद कम ही है. कारण है उनका प्रदर्शन. आर अश्विन छोटे फॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. साल 2017 में वो तो वो आईपीएल खेले ही नहीं थे जबकि 2016 में वो 14 मैचों में सिर्फ 10 विकेट ले पाए थे तो वहीं 2015 में भी उनका यही प्रदर्शन था.
सबसे बड़ी बात ये कि अश्विन लंबे समय से भारतीय टी20 और वनडे टीम से भी बाहर हैं. ऐसे में चेन्नई उनपर दांव क्यों आजमाएगी इसकी कोई बड़ी वजह है नहीं. साथ ही चेन्नई के पास जो तीन रिटेन के मौके हैं उसमें वो धोनी, रैना, मैक्कलम और ड्वेन ब्रावो जैसे खिलाड़ियों पर ज्यादा नजर रखेगी.
साल 2014 के आईपीएल के लिए मनन वोहरा को किंग्स इलेवन पंजाब ने रिटेन किया. इस युवा खिलाड़ी को जब पंजाब ने जुड़ा तो सभी को बहुत हैरानी हुई लेकिन टीम मैनेजमेंट ने तर्क दिया कि इस भविष्य के बड़े खिलाड़ी को पंजाब अपने सुनहरे भविष्य के साथ जोड़ना चाहता है. इतिहास गवाह है कि पंजाब का आईपीएल में 2014 का प्रदर्शन छोड़ दें तो हर बार वो बॉटम ऑफ द टेबल रहे हैं और इस बीच मनन का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा.
ऐसे में मैक्सवेल, मिलर और अमला जैसे दिग्गजों के बीच पंजाब इस बार मनन वोहरा को रिटेन करने की गलती शायद न करे.
2014 में मुंबई इंडियंस ने 5 खिलाड़ियों को रिटेन किया था. रोहित शर्मा, लसिथ मलिंगा, कैरोन पोलार्ड, हरभजन सिंह और अंबाति रायडू. उस वक्त मुंबई इंडियंस टीम की रणनीति और बैलेंस के हिसाब से ये बिल्कुल सही रिटेन किए हुए खिलाड़ी थे. अब मुंबई को रायडू की खास जरूरत नजर नहीं आती. टीम के पास 2017 सीजन में रायडू को खिलाने तक की जगह नहीं थी. सीजन 10 में रायडू ने सिर्फ 5 मैच खेले. साथ ही रायडू का प्रदर्शन अब उतना खास नहीं रहा कि मुंबई रोहित, बटलर, पोलार्ड, बुमराह, हार्दिक, क्रुणाल और सिमंस जैसे खिलाड़ियों को छोड़कर उन्हें चुने
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