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रविवार को इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल में एक बार फिर चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस आमने-सामने होंगे. दोनों टीमें आईपीएल के इतिहास में सबसे सफल रही हैं और दोनों ने तीन-तीन बार ये खिताब अपने नाम किया है. हैदराबाद में होने वाले इस फाइनल को जीतकर दोनों टीम चौथी बार ट्रॉफी अपने नाम करने उतरेंगी. इस सीजन में भी दोनों टीम लीग स्टेज में 18-18 प्वाइंट्स के साथ पहले दो स्थान पर थीं.
फाइनल में चेन्नई और मुंबई के जो खिलाड़ी खास रोल निभा सकते हैं, उन पर एक नजर डालते हैं.
मुंबई के लिए इस सीजन में सबसे ज्यादा प्रभावित टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने किया है. पांड्या ने इस सीजन में एक असल ऑलराउंडर की तरह प्रदर्शन किया है. पांड्या रन बनाने के मामले में मुंबई के चौथे सबसे सफल बल्लेबाज हैं. उन्होंने अब तक 15 मैच में 386 रन बनाए हैं. पांड्या का 193 का स्ट्राइक रेट आंद्रे रसेल के बाद सबसे बेहतरीन है. मिडिल ऑर्डर में आकर पांड्या ने दूसरी टीम को हावी होने का मौका ही नहीं दिया और तेजी से रन बनाए. इतना ही नहीं, पांड्या अब तक 14 विकेट भी ले चुके हैं.
सूर्यकुमार यादव इस सीजन में मुंबई के उन खिलाड़ियों में रहे हैं, जो टीम की जरूरत के हिसाब से चुपचाप अपना काम करते रहे. कई मौकों पर जब मुंबई की शुरुआत खराब रही, तो सूर्यकुमार यादव ने एक छोर से पारी को संभाला और टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचाया. यही कारण है कि मुंबई ने इस सीजन में लगातार तीसरे नंबर पर बैटिंग का मौका दिया.
चेन्नई के खिलाफ पहले क्वालीफायर में उन्होंने अपनी काबिलियत दिखाई थी, जब रोहित शर्मा और क्विंटन डि कॉक सस्ते में निपट गए थे और फिर यादव ने 71 रन बनाकर टीम को जिताया. यादव मुंबई के लिए इस सीजन में 409 रन बना चुके हैं, जो डि कॉक के बाद सबसे ज्यादा है. चेन्नई के खिलाफ 2 पारियों में 2 अर्धशतक भी लगाए.
राहुल चाहर इस सीजन की उभरते सितारों में से एक हैं. चाहर ने अपनी लेग स्पिन से सबको प्रभावित किया है. हालांकि, चाहर ने सारे मैच नहीं खेले, लेकिन 20 साल के इस स्पिनर को जब मुंबई ने टीम में शामिल किया, तो उन्होंने टीम के फैसले को सही साबित करके दिखाया. चाहर की खासियत ये है कि वो विरोधी टीम की तेज गति से बढ़ती पारी पर लगाम कसने में कामयाब हुए हैं.
चेन्नई के खिलाफ हुए पहले क्वालीफायर में चाहर ने अपनी पहली ही बॉल पर डु प्लेसी को आउट कर दिया और फिर अच्छी लय में दिख रहे मुरली विजय को भी आउट कर चेन्नई को उबरने का मौका नहीं दिया.
चेन्नई सुपरकिंग्स का मतलब एमएस धोनी. कम से कम इस सीजन की कहानी तो यही है. चेन्नई की टीम जब जब मुसीबत में फंसी, टीम के ‘थाला’ धोनी ने आकर जिम्मेदारी ली और टीम को संभाला. बैटिंग में धोनी पिछले कुछ सीजन के मुकाबले ज्यादा बेहतर नजर आए.
धोनी ने अभी तक 414 रन बनाए हैं, जो चेन्नई के लिए सबसे ज्यादा है. टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर में निरंतरता की कमी के कारण अक्सर धोनी को जिम्मेदारी उठानी पड़ी है. हालांकि, मुंबई के खिलाफ धोनी ज्यादा कुछ नहीं कर पाए, लेकिन एक बार फिर चेन्नई की उम्मीद उन पर ही रहेगी.
40 साल की उम्र में भी ताहिर आईपीएल में लगातार कमाल कर रहे हैं. चेन्नई की सफलता में जितना योगदान धोनी का है, उतना ही बड़ा योगदान ताहिर का भी है. खासकर मिडिल ओवर्स में ताहिर ने लगातार विकेट लिए हैं.
क्वालीफायर में मुंबई के खिलाफ कम स्कोर होने के बाद भी ताहिर ने लगातार 2 विकेट लेकर मुंबई को मुसीबत में डाल दिया था. फाइनल में एक बार फिर ताहिर की स्पिन के खिलाफ मुंबई सतर्क रहेगी.
ये नाम जरूर हैरान कर सकता है, क्योंकि इस साल वॉटसन कुछ खास कमाल नहीं कर पाए. बतौर ओपनर लगातार 16 मैच खेलने के बावजूद वॉटसन 125 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 318 रन ही बना पाए. हालांकि वॉटसन ने 2 मौकों पर अच्छी पारियां खेली और चेन्नई को जीत दिलाई.
पिछले मैच में भी दिल्ली के खिलाफ धीमी शुरुआत के बाद वॉटसन ने गियर बदला और तेजी से अर्धशतक लगाकर चेन्नई की जीत आसान बनाई. वॉटसन को वैसे भी हमेशा से बड़े मैचों को खिलाड़ी माना जाता है. पिछले साल भी वॉटसन ने फाइनल में शतक मारकर चेन्नई को खिताब दिलवाया था.
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